उत्तर प्रदेश का किसान आज कृषि बिल को लेकर सड़कों पर दिखाई दे रहा है। किसानों का कहना है कि ये सरकार का ये (कृषि कानून) काला कानून माना नहीं जाएगा। पश्चिम उत्तर प्रदेश का किसान अब समझौते के मूड में दिखाई नही दे रहा है।
किसानों के हितैषी भारतीय किसान यूनियन के आगाज पर मुजफ्फरनगर, मेरठ और बागपत ने किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग यानी दिल्ली-देहरादून हाईवे को पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों पर हमला हो रहा है, इसलिए अब पीछे नही हटा जाएगा।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में ये आंदोलन सुबह 11 बजे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ है। टिकैत का कहना है कि हमारी सीधी लड़ाई केन्द्र सरकार से है। हम ये किसान विरोधी काला बिल नही मानेंगे। इस बिल को वापस लेने के लिए देश के किसानों ने सरकार को 3 महीने का समय दिया था। वह अब पूरा हो चुका है।
उन्होंने कहा- केन्द्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के बात करती है, लेकिन उसके लिए कानून नहीं बनाती। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी तो आंदोलन उग्र होगा।
पंजाब, हरियाणा के किसान विरोध करने के लिए दिल्ली जा रहे थे तो उन पर वाटर कैनन से पानी फेंका गया। किसानों को दबाया जा रहा है। किसानों को अपने हक की आवाज़ बुलंद करनी होगी।
टिकैत ने कहा किसान अपने हक की लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं। यदि हमारे हितों पर हमला होगा और देश जल रहा होगा, तो उसका जबाव देने के लिए वार रूम में यह रणनीति थोड़ी तय होगी कि जबाव 5 दिन बाद दिया जाएगा, आज ही दिया जाएगा।
अपनी बात को स्पष्ट करते हुए बोले किसानों पर बल प्रयोग हो रहा है, वाटर कैनन से पानी फेंका, जेलों में बंद किया गया है। किसानों की दुर्दशा आज है और वह जवाब आगामी तीन तारीख को देगा, ये कौन से पंडित ने कहा है। यदि पाकिस्तान आज भारत पर हमला करेगा, जबाव देने के लिए आगामी 3 तारीख का इंतजार थोड़ी होगा।
किसानों के समर्थन में मुजफ्फरनगर नावला कोठी, मेरठ के कंकरखेड़ा-जटौली बाईपास, मेरठ-परतापुर बाईपास और मोदी नगर हाईवे पर किसानों ने जाम लगाया है। टिकैत अपने चिरपरिचित अंदाज में दिल्ली कूच करने की बात को टालते नजर आए। तीन महीने पहले भी वह जिला पुलिस-प्रशासन को चकमा देकर दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच गए थे।