03:44 PM, 28th Sep
कर्नाटक में एपीएमसी और भूमि सुधार कानून में संशोधन को लेकर सोमवार को अनेक किसान संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया जबकि कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया। ये प्रदर्शन ‘कर्नाटक भूमि सुधार कानून’ और ‘कृषि उपज विपणन समिति अधिनियम’ के दो महत्वपूर्ण संशोधनों के खिलाफ किए जा रहे हैं, जो विपक्षी दलों, मुख्य रूप से कांग्रेस और जद (एस) की कड़ी आपत्तियों के बावजूद कर्नाटक विधानसभा में पारित किए गए। केएलआर अधिनियम में संशोधन के जरिये कृषि भूमि खरीदने पर प्रतिबंध हटा दिए गए हैं और अब कोई भी व्यक्ति इसे खरीद सकता है। इससे पहले के कानून में केवल किसानों को राज्य में कृषि भूमि खरीदने की अनुमति दी गई थी। एक संशोधन के माध्यम से एपीएमसी अधिनियम में कुछ प्रावधानों को निरस्त करने से निजी कंपनियों को किसानों से सीधे कृषि उपज खरीदने की अनुमति मिल गई है, जिस पर पहले रोक लगी हुई थी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र को बर्बाद कर देंगे क्योंकि धनी लोग अपने काले धन को सफेद में बदलने और कृषि भूमि को रियल एस्टेट व्यवसाय में बदलने के लिए कृषि भूमि खरीदेंगे। किसानों ने आरोप लगाया कि एपीएमसी अधिनियम में संशोधन उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित करेगा और बहुराष्ट्रीय कंपनियां और बड़े कॉर्पोरेट घराने सीधे अपनी मनमानी दरों पर उपज खरीदेंगे।