नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर हो रहे विरोध पर गुरुवार को इन्हें ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी तथा अन्नदाता सशक्त होंगे।
सरकार के लोकसभा में गुरुवार को पेश कृषि से जुड़े विधेयकों के विरोध में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री अकाली दल की प्रतिनिधि हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है। इस बीच मोदी ने आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडियों में सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी।
मोदी ने लोकसभा में विधेयकों के पारित होने पर गुरुवार देर रात कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे।
मोदी ने आगे लिखा कि किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि एमएसपी और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे लोकसभा में कृषि सुधार विधेयकों पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जी द्वारा दिए गए भाषण को जरूर सुनें। जय किसान।"
लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को ‘किसान विरोधी’ करार देते आरोप लगाया कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा जबकि किसान बर्बाद हो जाएंगे। इन विधेयकों के विरोध में देश के कुछ हिस्सों खासकर कृषि प्रधान पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान प्रदर्शन भी कर रहे हैं। (एजेंसियां)