18 किसान जत्थेबंदियों की तैयारी
पशुपालक भी गुस्से में
बीमा क्लेम को लेकर भी तैयारी
Farmers Protest : एक बार किसान आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनैतिक) एवं हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान सहित उत्तरी भारत की 18 किसान जत्थेबंदियां किसान एवं खेत मजदूर की संपूर्ण कर्जा मुक्ति, स्वामीनाथन आयोग के तहत फसल खरीद की गारंटी का कानून, लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों को इंसाफ सहित लंबित पड़ी मांगों को लेकर आगामी 13 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगी। दिल्ली कूच करने को लेकर भारतीय किसान एकता (बीकेई ) डोट-टू-डोर अभियान चलाएगी। किसानों का यह आंदोलन एक बार फिर सरकार की मुसीबत बन सकता है।
किस बात को लेकर नाराजगी : किसान नेता लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि किसानों की आयोजित बैठक में एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी एवं बैंकों की मिलीभगत से पांच महीने बाद किसानों का खरीफ -2023 का बीमा प्रीमियम वापस आने को लेकर, रबी 2022-23 ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का बीमा क्लेम, खरीफ -2020 का बकाया मुआवजा (तहसील सिरसा, कालांवाली, डबवाली, गोरीवाला) जारी करने, किसानों को अच्छे बीज, खाद व कीड़ेमार दवाइयां उपलब्ध करवाने , गुलाबी सुंडी के प्रकोप से नरमे की उपज बहुत कम हुई है, अब किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, क्योंकि खरीद एजेंसियां व कॉटन फैक्टरियों वाले किसानों को लूट रहे हैं। मंडियों में बोली पर नरमे की खरीद की जाती है, लेकिन फैक्ट्री पहुंचने पर ट्राली का डाला खोलते ही उसमें भारी कटौती कर दी जाती है।
पशुपालक किसान भी नाराज : एमआई काडा विभाग द्वारा किसानों को पानी की डिग्गियों की अनुदान राशि दो सालों से जारी नहीं की गई है, उसे तुरंत प्रभाव से जारी करने, पशुपालक किसानों को सहकारी दुग्ध समितियां व प्राइवेट मिल्क प्रोडक्ट वाली कंपनियां लूट रही हैं, क्योंकि दूध का रेट 12 से 15 रुपए प्रति लीटर कम कर दिया गया है, जिससे पशुपालक किसान बहुत बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। किन्नू का रेट लागत मूल्य से भी बहुत कम चल रहा है सरकार भावांतर योजना के तहत किन्नू उत्पादक किसानों की भरपाई करवाए सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
किसान आदोंलन की जिला प्रशासन को भनक लगी तो एलडीएम बैंक संजीव कुमार व उप कृषि निर्देशक सुखदेव कंबोज मौके पर जाट धर्मशाला पहुंचे। श्री लखविंदर सिंह औलख किसानों को बीमा प्रीमियम वापस आने व बीमा क्लेम में आ रही समस्याओं को उनके सामने रखा।
सभी किसानों ने अपनी अपनी बात उनके समक्ष रखी और सिस्टम में आ रही कमियों के बारे में बताया। औलख ने कहा कि एलडीएम और उप-कृषि निर्देशक ने यह माना कि किसानों का बीमा प्रीमियम बैंकों ने एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा निर्धारित समय पर काट लिया था। पांच महीने बाद उनका बीमा प्रीमियम वापस नहीं आना चाहिए, उनको उनका बनता बीमा क्लेम मिलना चाहिए। एजेंसियां