Kisan Aandolan: ट्विटर (Twitter) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जैक (Jack Dorsey) डोर्सी के किसानों के प्रदर्शन के दौरान सरकार के दबाव के आरोपों पर मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने आरोप लगाया कि रद्द किए जा चुके केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को उजागर करने वाले अनेक ट्विटर खातों पर रोक लगा दी गई थी।
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं में शामिल रहे भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) पदाधिकारी टिकैत ने आरोप लगाया कि ट्विटर पर सरकार का दबाव था और अनुरोध किया जाता था कि किसानों के आंदोलन की जानकारी देने वाले खातों को बंद किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार ने डोर्सी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके समय ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी। टिकैत ने इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार से इस बात का दबाव होता था कि किसानों की सोशल मीडिया मंच तक पहुंच को कम से कम किया जाए। इस तरह उन्होंने आंदोलन को तोड़ा।
टिकैत से जब पूछा गया कि क्या मोदी सरकार ने ट्विटर को किसानों और किसान आंदोलन के खातों को बंद करने के लिए बाध्य किया था तो उन्होंने दावा किया कि आंदोलन की जानकारी देने और उसकी बात करने वाले अनेक खातों को ब्लॉक कर दिया गया।
टिकैत ने कहा कि छोटे बच्चे भी जानते थे कि अगर किसान आंदोलन की बात की तो उनके खाते ब्लॉक कर दिए जाएंगे। ऐसे अनेक खाते अब भी बंद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसी तरह का विरोध बर्दाश्त नहीं कर सकती।
डोर्सी ने एक साक्षात्कार में दावा किया कि भारत सरकार ने 2020 और 2021 में केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर सरकार की आलोचना वाले खातों और पोस्ट को हटाने का अनुरोध नहीं मानने पर कंपनी का कामकाज बंद करने और उसके कर्मचारियों पर छापे मारने की धमकियों के साथ दबाव बनाया था। ट्विटर के सीईओ के पद से डोर्सी ने 2021 में इस्तीफा दे दिया।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कोई जेल नहीं गया और न ही ट्विटर बंद किया गया। यह जैक का साफ झूठ है, जो शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत संदिग्ध समय के दागों को मिटाने की कोशिश है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta