नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष तथा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि कश्मीर मसले पर पाकिस्तान भी एक पक्ष है और बातचीत के जरिये यह मुद्दा सुलझाया जाना चाहिए जिसमें तीसरे पक्ष को भी शामिल किया जा सकता है। मध्यस्थता की पैरवी तथा कश्मीर में पाकिस्तान को भी एक पक्ष बताए जाने की भाजपा और कांग्रेस ने एक सुर में निंदा की है।
साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कश्मीर के मौजूदा हालात के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को दोषी ठहराए जाने पर सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।
अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार संघर्ष विराम के उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि जब तक आप कश्मीर पर पाकिस्तान से बात नहीं करेंगे, कश्मीर मुद्दे का हल नहीं निकालेंगे, यह नहीं रुकने वाला है। हमें यह समझना होगा कि कश्मीर मसले में पाकिस्तान भी एक पक्ष है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का हल नहीं निकाले जाने के कारण सबसे ज्यादा नुकसान राज्य के लोगों को हो रहा है। जहां देश के दूसरे राज्य तरक्की कर रहे हैं, जम्मू-कश्मीर इसमें पीछे छूट गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह पाकिस्तान से बात करने का उचित समय है, श्रीनगर-बडगाम लोकसभा क्षेत्र से सांसद अब्दुल्ला ने कहा कि आप जब चीन से बात कर सकते हैं तो पाकिस्तान से बात क्यों नहीं। दोस्तों (तीसरे पक्ष) को शामिल कीजिए और बात कीजिए।'
इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने साफ कहा कि वह तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका या चीन की मदद ली जा सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप स्वयं कह चुके हैं कि अमेरिका मध्यस्थता के लिए तैयार है।
स्थिति सामान्य होने का इंतजार करने की बजाय तुरंत वार्ता कर मामले को सुलझाये जाने की वकालत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा 'सही वक्त का इंतजार करते-करते 70 साल बीत चुके हैं। अब और कितना इंतजार करना होगा। इस दौरान चार युद्ध हो चुके हैं। और कितने लोगों को मरवायेंगे। युद्ध इसका समाधान नहीं है। दोनों देशों के पास एटम बम हैं।' (वार्ता)