नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने रविवार को नए संसद भवन की वास्तुकला की तुलना एक ताबूत से की जिस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता राजद को ऐसे ही ताबूत में दफना देगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसद भवन का उद्घाटन करते ही बिहार में सत्तारूढ़ दल राजद ने एक ट्वीट किया जिसमें एक ताबूत और नए संसद भवन को अगल-बगल दिखाते हुए पूछा गया- यह क्या है?
भाजपा की बिहार इकाई ने ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा- पहली तस्वीर आपका भविष्य है और दूसरी भारत की है। समझे?
भाजपा के राज्यसभा सदस्य और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट के लिए राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे ओछा और शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि उन्होंने दो तस्वीरें ट्वीट की हैं, एक नई संसद की और दूसरी एक ताबूत की। नई संसद की तस्वीर भारत के भविष्य को दिखाती है। ताबूत की तस्वीर राजद के भविष्य को दिखाती है।”
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने आरोप लगाया कि राजद ने यह तुलना करके देश की 140 करोड़ जनता की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। यह उनका मानसिक दिवालियापन दिखाता है।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पलटवार करते हुए कहा कि 2024 में देश की जनता आपको इसी ताबूत में बंद करके दफना देगी और नये लोकतंत्र के मंदिर में आप को आने का मौका भी नहीं देगी। चलिए यह भी तय हुआ कि संसद भवन देश का है और ताबूत आपका।
उन्होंने कहा कि आज एक ऐतिहासिक पल है और देश गौरवान्वित है। आप नजरबट्टू हैं और कुछ नहीं। छाती पीटते रहिए।
बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक वीडियो वक्तव्य में कहा कि इससे उनकी यह सोच सामने आ गयी है कि राजद को संसद के प्रति कोई सम्मान नहीं है।
राजद के किसी नेता का नाम लिये बिना जायसवाल ने कहा कि उन्हें लगता है कि केवल उनके माता पिता ही मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री पदों पर रह सकते हैं।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राजद के ट्वीट को घृणित करार दिया और कहा कि वे इस हद तक गिर गए हैं। यह राजद की राजनीति की ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। भारतीय प्रणाली में त्रिकोण या त्रिभुज का काफी अधिक महत्व है। वैसे ताबूत में 6 किनारे होते हैं।
औरंगाबाद से भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के बाद कहा कि राजद का ट्वीट अशोभनीय था।
सुशील कुमार सिंह ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फेंस से कहा कि आप इस पार्टी (राजद) से क्या उम्मीद करते हैं जो फिलहाल बिहार सरकार में जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) की साझेदार है। जो लोग ताबूत के साथ इस तरह की घिनौनी तुलना कर रहे हैं, उनकी राजनीति ताबूत में बंद हो जाएगी।
चार बार के सांसद सिंह ने कहा कि नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना को दर्शाता है।
हालांकि राजद के ट्वीट को सही ठहराते हुए उसके बिहार प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जिस तरह नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया गया, उसने दिखा दिया कि लोकतंत्र को दफना दिया गया। न तो राष्ट्रपति और न ही उपराष्ट्रपति, जो राज्यसभा के सभापति हैं, को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया। ऐसा लोकतंत्र
में नहीं होता है। भाषा Edited By : Sudhir Sharma