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वित्तमंत्री ने अभूतपूर्व बजट का किया वादा, लोगों से सुझाव भी मांगे

हमें फॉलो करें वित्तमंत्री ने अभूतपूर्व बजट का किया वादा, लोगों से सुझाव भी मांगे
, शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (23:16 IST)
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वादा किया कि इस बार का बजट अभूतपूर्व होगा, क्योंकि सरकार महामारी से पीड़ित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और विकास को गति देने के लिए तत्पर है।
 
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, चिकित्सा अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में निवेश तथा टेलीमेडिसिन के लिए व्यापक कौशल का विकास महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है। इसके साथ ही आजीविका संबंधी चुनौतियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के नए परिप्रेक्ष्य में देखना होगा। सीतारमण ने सीआईआई द्वारा आयोजित के एक कार्यक्रम में कहा कि मुझे अपने सुझाव भेजिए ताकि हम एक ऐसा बजट बना सकें, जैसा इससे पहले कभी नहीं आया। भारत के 100 वर्षों में ऐसा बजट नहीं देखा गया होगा, जैसा कि महामारी के बाद आएगा।
उन्होंने सीआईआई साझेदारी सम्मेलन 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि और यह तब तक संभव नहीं होगा, जब तक मुझे आपके सुझाव और इच्छाओं की सूची नहीं मिल जाती है, इन चुनौतियों से जो बातें आपके विचार में आई हों, उसका स्पष्ट अवलोकन। इसके बिना मेरे लिए ऐसा दस्तावेज तैयार करना असंभव है, जो एक अभूतपूर्व बजट हो। एक बजट जिसे महामारी के बाद बनाया जा रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट संसद में 1 फरवरी 2021 को पेश किया जाना है।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए उन क्षेत्रों के लिए समर्थन बढ़ाना चाहिए, जो कोविड-19 महामारी के चलते बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और साथ ही ऐसे क्षेत्र, जो आगे वृद्धि के वाहक बन सकते हैं। हमारे आकार, जनसंख्या और क्षमता को ध्यान में रखते हुए कि भारत की अर्थव्यवस्था की अच्छी वृद्धि के लिए मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि हम कुछ अन्य देशों के साथ ही वैश्विक वृद्धि के वाहक भी होंगे। वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान हमारा महत्वपूर्ण योगदान होगा।
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के लिए अधिक वित्त मुहैया कराने के साथ ही भवनों और अस्पतालों के लिए निजी साझेदारी मुहैया कराना महत्वपूर्ण है। टेलीमेडिसिन को समझने के लिए व्यापक कौशल की जरूरत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आजीविका एक बड़ी चुनौती है और इस मामले में उद्योग जगत को अपनी राय देनी ही चाहिए। (भाषा)

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