Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वित्तमंत्री ने कहा, अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से सुधार के मिल रहे संकेत

हमें फॉलो करें वित्तमंत्री ने कहा, अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से सुधार के मिल रहे संकेत
, शुक्रवार, 16 अक्टूबर 2020 (08:25 IST)
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि कई महत्वपूर्ण आंकड़ों (बिजली खपत, पीएमआई) से विभिन्न क्षेत्रों में तीव्र गति से सुधार के संकेत मिल रहे हैं। यह पुनरुद्धार सरकार के कोविड-19 महामारी से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए किए गए विभिन्न उपायों का नतीजा है।
 
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय सीमिति (आईएफसी) की पूर्ण बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि कई निम्न आय और विकासशील देश गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले करोड़ों लोगों की आजीविका को बचाए रखने और उसे सुनिश्चित करने की चुनौती से जूझ रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार सीतारमण ने कहा कि इन देशों में जो पुनरुद्धार और पुनर्वास के प्रयास हो रहे हैं, उसे किसी भी तरीके से कमजोर नहीं होने देना चाहिए। उन्होंने भारत में तीव्र और मजबूत आर्थिक पुनरुद्धार को लेकर आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत किए गए उपायों की भी जानकारी दी।
 
बयान के अनुसार उन्होंने विनिर्माण, पीएमआई (परचेर्जिंग मैनेजर इंडेक्स) समेत कई उच्च आवृत्ति के आंकड़ों के आधार पर गिरावट के बाद तीव्र गति से पुनरुद्धार का जिक्र किया। विनिर्माण पीएमआई सितंबर 2020 में 8 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती के साथ सुधार आने की संभावना को बताता है।
सीतारमण ने कहा कि उपभोक्ता व्यय में तेजी लाने के लिए 10 अरब डॉलर के उपायों की हाल में घोषणा की गई है। बयान के अनुसार मंत्री ने मौजूदा चुनौतियों से पार पाने के लिए आईएमफ प्रमुख क्रिस्टीलना जॉर्जीवा और मुद्राकोष के सुझावों की सराहना की। उन्होंने आईएमएफ की इस बात से स्वीकृति जताई कि नीतिगत समर्थन को समय से पहले वापस लिए जाने से नकदी की तंगी और ऋण शोधन की समस्या हो सकती है। इस बीच एक अन्य कार्यक्रम में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का मकसद भारत को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाना है।
 
उद्योग मंडल के फिक्की के डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब नेहरू के समय की बंद अर्थव्यवस्था या आयात प्रतिस्थापन्न की तरफ जाना नहीं है बल्कि इसका मतलब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ना है और विनिर्माण को बढ़ावा देने के साथ इसे एक प्रमुख निर्यात केंद्र बनाना है। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सुशील मोदी का सवाल, तेजस्वी कैसे बने 52 से ज्यादा संपत्तियों के मालिक