Former CM Ashok Chavan resignation from Congress: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। ताजा घटनाक्रम महाराष्ट्र का है, जहां वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोमवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
बताया जा रहा है कि चव्हाण पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। माना जा रह है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे एक पत्र में चव्हाण (65) ने कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा।
देवड़ा भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस : चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा ने भी पार्टी छोड़ी दी थी। चव्हाण के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से कहा, आगे-आगे देखो होता है क्या।
चव्हाण मराठावाड़ा क्षेत्र में नांदेड क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता दिवंगत शंकरराव चह्वाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। अशोक चह्वाण ने मुंबई में आदर्श आवासीय घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर 2010 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह 2014-19 तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे।
जांच एजेंसियों का दबाव : चव्हाण के इस्तीफे पर कांग्रेस ने कहा कि जो लोग ऐसे कदम उठा रहे हैं उन पर जांच एजेंसियों का दबाव है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि आज के समय में विपक्ष की राजनीति मुस्तैदी से करना बहुत मुश्किल है और यह वही कर सकता है जिसके अंदर राहुल गांधी की तरह सरकार के खिलाफ और सच के लिए लड़ने का माद्दा है।
सुप्रिया ने कहा कि आज विपक्ष की राजनीति करना बहुत मुश्किल है, आज सरकार की आंख में आंख में डालकर यह बोलना बहुत मुश्किल है कि आपका सारा फर्जीवाड़ा (आंकड़ों का) गलत है, आपका श्वेत पत्र गलत है। किसी के ऊपर जांच एजेंसी का दबाव है, किसी पर प्रलोभन होता है और किसी के ऊपर अन्य तरह का दबाव बनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि हाल के समय में जिन लोगों ने पार्टी छोड़ी है, उन सबके ईडी के मामलों को देख लीजिए, तो तस्वीर अपने आप साफ हो जाएगी। श्रीनेत ने कहा कि जो जा रहा है उसको हाथ पकड़कर हाथ नहीं रोक सकते। उनके ऊपर जरूर कोई दबाव होगा। मुझे लगता है कि यह दबाव एजेंसियों का है। (एजेंसी/वेबदुनिया)