शाहजहांपुर। शाहजहांपुर की एक अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद पुलिस पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की तलाश में छापेमारी कर रही है। न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर को आदेश दिया है कि स्वामी चिन्मयानंद को 16 जनवरी को न्यायालय में पेश करें। न्यायालय ने आदेश जारी किया कि स्वामी चिन्मयानंद के मामले में आदेश की प्रति को उनके आवास तथा सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाए।
पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने शनिवार को बताया कि सांसद-विधायक (एमपी-एमएलए) अदालत के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। आनंद ने कहा, चिन्मयानंद का जो पता है उस पते पर वह नहीं मिले, वह वहां से कहीं और चले गए हैं। ऐसे में लगातार हमारी पुलिस उन्हें ढूंढने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश के क्रम में पुलिस अपना काम कर रही है जल्दी ही उन्हें ढूंढ़कर न्यायालय में पेश किया जाएगा। शासकीय अधिवक्ता नीलिमा सक्सेना ने बताया कि 15 दिसंबर को एमपी-एमएलए अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया था।
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर को आदेश दिया है कि वह स्वामी चिन्मयानंद को 16 जनवरी को न्यायालय में पेश करें। इसी के साथ न्यायालय ने आदेश जारी किया है कि स्वामी चिन्मयानंद के मामले में आदेश की प्रति को उनके आवास तथा सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाए।
थाना कोतवाली के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के क्रम में पुलिस लगातार दबिश दे रही है जिसका उल्लेख पुलिस अपनी जनरल डायरी (जीडी) में भी कर रही है, लेकिन चिन्मयानंद अपने आवास मुमुक्षु आश्रम से कहीं बाहर चले गए हैं।
स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता फिरोज हसन खान का कहना है कि न्यायालय द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 82 (फरार व्यक्ति के लिए उद्घोषणा) के तहत कार्रवाई की गई है, परंतु स्वामी चिन्मयानंद लगातार बीमारियों से जूझ रहे हैं और उनकी उम्र 76 वर्ष है।
खान ने कहा कि उनकी आंखों का ऑपरेशन हैदराबाद में हुआ और उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या है। खान ने कहा कि चिन्मयानंद इसी माह की 15 दिसंबर को न्यायालय में हाजिर होना चाहते थे, लेकिन एकाएक चिन्मयानंद की हालत ज्यादा खराब हो गई, जिसके चलते वे न्यायालय में हाजिर नहीं हो पाए।
खान के मुताबिक उनकी हालत तो ऐसी है कि उन्हें गोद में उठाकर ही न्यायालय लाया जा सकता है। अधिवक्ता खान ने बताया कि उन्होंने न्यायालय को बताया था कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है तथा उच्च न्यायालय में उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी भी दी गई है, जिस पर 19 दिसंबर को सुनवाई होनी है।
शाहजहांपुर के ही वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 82 के तहत न्यायालय की ओर से आरोपी को भगोड़ा घोषित किया जाता है। इसके पश्चात 30 दिन के बाद धारा 83 के तहत न्यायालय के निर्देश पर आरोपी के विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई की जाती है।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री एवं मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने वर्ष 2011 में यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने यौन शोषण के इस मामले को वापस लेने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से न्यायालय को पत्र भेजा था, परंतु पीड़िता ने आपत्ति जताते हुए अदालत से अनुरोध किया था कि वह मामला वापस नहीं लेना चाहती है।
इसलिए मामला वापसी का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया गया था, साथ ही स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध जमानती वारंट जारी किया गया था। इसके बाद चिन्मयानंद ने केस वापस लेने के लिए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। जब उच्च न्यायालय ने भी उनकी अपील खारिज कर दी तो उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन शीर्ष अदालत ने भी उनकी अपील खारिज कर दी।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)