Former Union Minister SS Ahluwalia hits back at the opposition : भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया ने संसद से कई सदस्यों के निलंबन के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर बुधवार को पलटवार करते हुए इंदिरा गांधी की हत्या पर रिपोर्ट पेश करने की लगातार मांग करने पर 1989 में लोकसभा से 63 सांसदों के निलंबन का हवाला दिया।
वर्ष 1989 में राज्यसभा सदस्य रहे अहलूवालिया ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को निशाना बनाने के लिए संसद की सुरक्षा में सेंध को राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मुद्दा बताया है। साथ ही उन्होंने आश्चर्य जताया कि एक प्रधानमंत्री की हत्या से बड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि 63 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था क्योंकि वे चाहते थे कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ठक्कर आयोग की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे। न्यायमूर्ति ठक्कर आयोग ने इंदिरा गांधी की हत्या की जांच की थी, जिसमें सुरक्षा चूक और साजिश से संबंधित पहलू भी शामिल थे।
पश्चिम बंगाल के बर्धमान-दुर्गापुर से भाजपा सांसद अहलूवालिया 1989 में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य थे। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मांग कर रहे हैं कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध के बारे में संसद के दोनों सदनों में बयान देना चाहिए।
पिछले कुछ दिनों में लोकसभा और राज्यसभा से 143 विपक्षी सांसदों को तख्तियां लेकर दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित करने के लिए निलंबित कर दिया गया है। विपक्ष ने सरकार पर आलोचनात्मक आवाजों को दबाकर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया है।
चार बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा सदस्य रहे अहलूवालिया ने अपनी टिप्पणी में राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक विकास से लेकर विभिन्न मुद्दों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, भारत ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतारकर अपनी वैज्ञानिक क्षमता दिखाई और रिकॉर्ड समय में अपनी विशाल आबादी को कोविड टीके लगाने और स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक प्रशंसा अर्जित की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सरकार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सब कुछ चलता है के रुख को वित्तीय अनुशासन और समावेशन से बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सुधारों की शुरुआत की और साथ ही कई लक्षित कल्याणकारी योजनाओं के साथ अपने बुजुर्गों और गरीब नागरिकों, किसानों, महिलाओं, युवाओं और असंगठित क्षेत्र का ध्यान रखा है, जिसने उन्हें सशक्त बनाया है और उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाया है।
अहलूवालिया ने कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर मुहर लगाते हैं क्योंकि उन्हें उन लोगों का भारी समर्थन प्राप्त है जो उनकी सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour