नई दिल्ली। देश में सोने की खरीद के लिए अक्षय तृतीया को शुभ अवसर माने जाने की परंपरा के बावजूद इस बार कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए बाजार में मूल्यवान धातु की खरीद प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में विशेषज्ञों ने इच्छुक निवेशकों को पीली धातु की खरीद करने की जगह डिजिटल तरीके से या स्वर्ण आधारित प्रतिभूतियों में निवेश की सलाह दी है।
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि महामारी के संकट के बीच केंद्रीय बैंकों द्वारा बाजार में लगातार नकदी का प्रवाह बढ़ाए जाने के उपायों (बांड खरीद कार्यक्रम), पश्चिम एशिया में तनाव, अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार युद्ध जैसे कुछ कारकों को देखते हुए आने वाले वाले समय में सोने के दाम ऊंचे बने रहने की संभावना है।
निवेश परामर्श कंपनी मिलवुड के सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) और संस्थापक निश भट्ट ने कहा, देश में लोग सोना रखने को पसंद करते हैं और यह कोई छिपी हुई बात नहीं है तथा अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की खरीद को शुभ माना जाता है।
उन्होंने कहा, लेकिन देश में इस बार कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए सोने की खरीद प्रभावित हो सकती है। ऐसे में निवेशकों और स्वर्ण खरीदारों को यह सलाह है कि वे इस कठिन समय में बाहर नहीं निकलें और भौतिक रूप से सोना खरीदने के बजाए डिजिटल या स्वर्ण आधारित प्रतिभूतियों के रूप में सोने में निवेश करें।
डिजिटल संपत्ति प्रबंधन मंच फिसडॉम के शोध प्रमुख नीरव कारकेरा ने कहा, सोना एक रणनीतिक संपत्ति है और अक्षय तृतीया इस पर गौर करने का अवसर प्रदान करता है। प्रत्येक निवेशक को इक्विटी और बांड के अलावा निवेश को विविध रूप देने के लिए सोने में निवेश करना चाहिए। यह न केवल मुद्रास्फीति से उत्पन्न जोखिम से बचाता है, बल्कि मुद्रा की विनिमय दर में गिरावट के साथ प्रणालीगत बाजार जोखिम से भी रक्षा करता है।
हालांकि उन्होंने यह भी सलाह दी कि अगर बहुत जरूरत न हो तो सोने को आभूषण के रूप में खरीदने से बचना चाहिए। इससे आभूषण बनाने का शुल्क बचता है। डिजिटल सोने में निवेश बेहतर विकल्प है क्योंकि यह शुद्धता और रखने के झंझट से मुक्ति देता है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (मुद्रा) राहुल गुप्ता ने कहा, अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की खरीद को लेकर मांग सामान्य तौर पर देखने को मिलती है। कुल मिलाकर अमेरिका में नौकरी के कमजोर आंकड़ों के साथ एमसीएक्स सोने की कीमत में तेजी देखी जा रही है।
सोने के परिदृश्य के बारे में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक बाजार रिपोर्ट में कहा है कि कोरोनावायरस मामलों में वृद्धि, अर्थव्यवस्था में लगातार नकदी डाले जाने के उपाय (बांड खरीद कार्यक्रम), मुद्रास्फीति दबाव पश्चिम एशिया में तनाव, अमेरिका तथा चीन के बीच व्यापार युद्ध, जैसे कुछ कारकों को देखते हुए आने वाले वाले समय में सोने को लेकर धारणा मजबूत होगी और उसके दाम ऊंचे बने रहने की संभावना है।
इस बारे में भट्ट ने कहा कि इस समय अमेरिकी डॉलर में नरमी और अमेरिका में ब्याज दर के लंबे समय तक नीचे रहने की संभावना से सोने का भाव ऊंचा बना हुआ है। सोना अंतरराष्ट्रीय बाजार में तीन महीने के उच्च स्तर पर है जबकि घरेलू बाजार में करीब 48000 रुपए प्रति 10 ग्राम स्तर पर बना हुआ है।
उन्होंने कहा, टीकाकरण अभियान, संक्रमितों की संख्या में कमी, दुनिया के विभिन्न देशों में लॉकडाउन के साथ अमेरिकी डॉलर के मूल्य में गिरावट के साथ सोने के दाम में तेजी रहने की उम्मीद है।(भाषा)