Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकती सरकार; SC, सार्वजनिक स्थानों पर नॉन वैक्सीनेटेड लोगों को बैन करना सही नहीं

Advertiesment
हमें फॉलो करें लोगों को कोरोना वैक्सीन लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकती सरकार; SC, सार्वजनिक स्थानों पर नॉन वैक्सीनेटेड लोगों को बैन करना सही नहीं
, सोमवार, 2 मई 2022 (13:45 IST)
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेशन के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि आर्टिकल-21 के तहत व्यक्ति की शारीरिक अखंडता को बिना अनुमति नहीं भंग की जा सकती है। ऐसे में देश में वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं किया जा सकता है।

बता दें कि देश में करीब 188 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन अब तक दिया जा चुका है। इनमें फर्स्ट और सेकेंड दोनों डोज शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कुछ राज्य सरकारों ने जो शर्तें लगाईं, सार्वजनिक स्थानों पर नॉन वैक्सीनेटेड लोगों को बैन करना सही नहीं है। इसके अलावा, SC ने केंद्र को COVID-19 टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभावों का डेटा सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया है।

हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि वह संतुष्ट है कि मौजूदा वैक्सीन नीति को अनुचित और स्पष्ट रूप से मनमाना नहीं कहा जा सकता है। SC का कहना है कि सरकार सिर्फ नीति बना सकती है और जनता की भलाई के लिए कुछ शर्तें लगा सकती है। याचिकाकर्ता जैकब पुलियल ने कहा कि कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीनेशन अनिवार्य करने का ऑर्डर निकाला है, जो गलत है।

कोरोना वैक्सीनेशन पर 17 जनवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने हलफनामा दाखिल किया था। केंद्र ने अपने हलफनामा में कहा था कि देश भर में कोरोना वैक्सीनेशन अनिवार्य नहीं है, न किसी पर वैक्सीन लगवाने का कोई दबाव है।
देश में 5 लाख से ज्यादा की मौत: अब तक देश में कोरोना से कुल 4.3 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 5.2 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना से 4.2 करोड़ लोग रिकवर हुए हैं। पिछले 24 घंटे में कोविड के 3,157 नए केस आए हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कपल ने विमान में रचाई शादी, मेहमान बने यात्री और क्रू मेंबर्स