नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने एक संसदीय समिति से कहा है कि पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) लागू करने के बारे में केंद्र ने कोई फैसला नहीं किया है। मंत्रालय ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों संबंधी स्थायी समिति को बताया कि सरकार में विभिन्न स्तरों से समय-समय पर यह स्पष्ट किया गया है कि भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने के बारे में फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है। इस समिति की रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की गई।
असम में एनआरसी लागू की गई थी, हालांकि इस कदम को लेकर देशभर में विवाद खड़ा हो गया। वैसे भाजपा के कई नेताओं ने पहले ऐसे बयान दिए हैं कि देशभर में एनआरसी लागू की जाएगी। संसदीय समिति ने पहले कहा था कि एनआरसी और जनगणना के संदर्भ में लोगों के बीच बहुत असंतोष और भय है।
CAA को लेकर नियम किए जा रहे हैं तैयार : केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के तहत नियमों को तैयार किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि सीएए-19 को 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित किया गया था और 20 जनवरी 2020 से यह अमल में आया।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून-2019 के तहत नियमों तैयार किया जा रहा है। लोकसभा एवं राज्यसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों के लिए अवधि भी बढ़ाकर क्रमश: 9 अप्रैल और 9 जुलाई कर दी गई है ताकि सीएए के तहत नियमों को तैयार किया जा सके।
सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। इस कानून के तहत इन समुदायों के उन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी, जो इन 3 देशों में धार्मिक प्रताड़ता के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए। सीएए के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। (भाषा)