नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने मंगलवार को कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीकों के यूरोपीय कोविड-19 वायरस के नए स्वरूप पर प्रभाव का कोई डाटा उपलब्ध नहीं है। कोविड-19 के इस नए स्वरूप की शुरुआत ब्रिटेन ओर दक्षिण अफ्रीका से हुई और इसकी मौजूदगी डेनमार्क, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, स्वीडन, इटली, स्विटजरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, लेबनान और सिंगापुर सहित कई अन्य देशों में दर्ज की गई है।
राज्यसभा में एक लिखित सवाल में यह पूछे जाने पर कि क्या कोविशील्ड और कोवैक्सीन यूरोपीय कोविड-19 वायरस के नए स्वरूप से सुरक्षा प्रदान करते हैं? चौबे ने कहा कि इन टीकों के संबंध में विशेष रूप से नए यूरोपियन कोविड-19 वायरस स्ट्रेन पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। कोविशील्ड टीके का उत्पादन सीरम इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा कोवैक्सीन टीके का उत्पादन भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड कर रहा है।
चौबे ने कहा कि हालांकि विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रस्ताव पर परामर्श करते समय इस बात पर ध्यान दिया कि 'इनएक्टिवेटेड होल विरियोन' कोरोनावायरस वैक्सीन में म्यूटेटेड कोरोना वायरस स्ट्रेन को लक्षित करने की संभावना है। यूरोप के अनेक देश तथा अमेरका में कोविड-19 के मामले की संख्या में पुन: वृद्धि होती दिखाई दे रही है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने 14 दसंबर 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन को सास-कोवी-2 के नए रूप की सूचना भेजी थी और वर्तमान में ब्रिटेन में यह नया रूप सोस-कोवी-2 वायरस की तुलना में वायरस फैलाने में अधिक प्रभावी हो गया है। 29 जनवरी तक लगभग 61 देश (ब्रिटेन सहित) ने ब्रिटेन के कोरोनावायरस के नए स्वरूप की सूचना दी है।
भारत में इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने इसके प्रसार को रोकने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इसके तहत ब्रिटेन जाने वाली सभी हवाई उड़ानों को 23 दिसंबर 2020 से 7 जनवरी 2021 तक प्रतिबंधित कर दिया गया था।
चौबे ने बताया कि ब्रिटेन से आने और जाने वाली सीमित अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ान सेवा 8 जनवरी को बहाल की गई। इन मार्गों पर आवागमन को क्रमिक रूप से प्रारंभ में केवल 5 अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तनों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद तथा चेन्नई को अनुमति दी गई है। ब्रिटेन से पहुंचने वाले सभी यात्रियों को निगेटव-आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट लानी होगी, जो यात्रा आरंभ करने के 72 घंटे पूर्व की होनी चाहिए। (भाषा)