#MeToo कैंपेन ने बॉलीवुड से लेकर सियासत के गलियारों तक भूचाल ला दिया था। #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के मामले सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए मोदी सरकार ने कठोर कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने और इसे रोकने के लिए कानूनी और संस्थागत ढांचों को मजबूत करने के लिए मंत्री समूह का गठन किया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गठित किए गए इस समूह में एक मंत्री समूह कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनी और संस्थागत ढांचों का परीक्षण करेगा।
मंत्री समूह का गठन मी टू आंदोलन के मद्देनजर किया गया है, जिसके तहत कई महिलाओं ने कार्यस्थल पर अपना यौन उत्पीड़न करने वालों का सार्वजनिक रूप से नाम लिया है। पूर्व महिला सहकर्मियों द्वारा कार्यस्थल पर अपने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के कारण पूर्व संपादक एमजे अकबर को विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
कौन-कौन है समूह का सदस्य : इस समूह के सदस्यों में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी भी शामिल हैं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए मंत्री समूह मौजूदा प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन और मौजूदा कानूनी व संस्थागत ढांचों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कार्रवाई की सिफारिश करेगा।
गौरतलब है कि अभिनेता नाना पाटेकर के खिलाफ तनुश्री दत्ता द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद देश में शुरू हुआ ‘मी टू’ अभियान तेजी से आगे बढ़ा है। #MeToo कैंपेन की चपेट में आए हस्तियों में अभिनेता आलोक नाथ, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, साजिद खान, रजत कपूर जैसे बड़े नाम शामिल हैं।