विशाखापत्तनम में खेले गए दूसरे वनडे मैच में यह यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है कि रोमांच की सीमाएं पार करने के बाद यह मैच 'टाई' पर खत्म हुआ क्योंकि भारत ने विंडीज को जीतने के भरपूर मौके दिए। यहां तक कि आखिरी गेंद पर मेहमान टीम को एक छक्का विजयी उत्सव मनाने के लिए काफी था, पर शाई होप के चौके ने मैच को बराबरी पर खत्म करवा डाला। प्रशंसा करनी होगी नातजुर्बेकार शाई होप की, जो अंतिम गेंद तक जीत के लिए लड़ते रहे।
उमेश यादव की जमकर धुनाई : विंडीज को जीत के लिए 322 रनों का लक्ष्य मिला था। 35 ओवरों के खत्म होने पर अहसास होने लगा था कि यह मैच भारत मेहमान टीम को 'तोहफे' में देना चाहता है। इसके लिए कई हथकंडे अपनाए जा रहे थे। उमेश की बॉडी लेंग्वेज बता रही थी कि उन्हें रन लुटाने के लिए मोर्चे पर लगाया गया है। वे शॉर्ट गेंद फेंककर हैटमायर और होप को छक्के उड़ाने का न्योता देते रहे। 10 ओवर के कोटे में उमेश ने 78 रन लुटाए और 1 विेकेट हासिल किया।
अंतिम ओवर में एक भी शॉर्ट गेंद नहीं : विंडीज को अंतिम 6 गेंदों में जीत के लिए 14 रनों की दरकार थी लेकिन इस ओवर में उमेश ने एक भी शॉर्ट गेंद नहीं डाली क्योंकि वे जानते थे कि यहां पर एक गलती विरोधी टीम को जीत दिला सकती है। इसके बाद जब आखिरी गेंद पर विंडीज जीत से 5 रन दूर था, तब उमेश की ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर होप ने पाइंट और कवर्स के बीच में चौका लगाकर मैच को 'टाई' पर समाप्त करवा डाला।
जब गेंद अधिक थी और रन कम : विंडीज के लिए इस मैच में कुछ लम्हे ऐसे भी आए जब गेंद अधिक थी और रन कम...मसलन 90 गेंदों में 83 और 75 गेंद में 69 रन उसे जीत के लिए चाहिए थे। 42 ओवर के बाद कोहली ने बल्लेबाजों पर नकेल कसने के लिए मोहम्मद शमी को गेंद थमाई। शमी की कसावट भरी गेंदबाजी के कारण ही हालात ऐसे बने कि विंडीज पर दबाव बढ़ा और फिर गेंद और रन का फासला उलट हो गया यानी 36 गेंदों में 45, 24 गेंद में 27 और 12 गेंदों में 20 रन उसे जीत के लिए चाहिए थे।
होप और हैटमायर बने टीम इंडिया के सिरदर्द : 24 साल के शाई होप बुधवार को अपने वनडे कॅरियर का 38वां मैच खेल रहे थे और उन्होंने 123 रन की नाबाद पारी खेलकर भारतीय गेंदबाजों के धुर्रे बिखेर दिए। दूसरी तरफ 21 साल के युवा हैटमायर का यह 14वां वनडे मैच था। वे केवल 6 रन से अपना शतक चूक गए। पहले वनडे में वे शतक जड़कर अपनी प्रतिभा का परिचय दे चुके हैं। हैटमायर का बल्ला भारतीय स्पिनरों पर कहर बनकर टूटा। हैटमायर और होप ने चौथे विकेट के लिए 143 रन जोड़कर जीत की उम्मीद को जगाए रखा था लेकिन इस जोड़ी के टूटने के बाद तमाम दबाव होप के कंधों पर आ गया।
भारत की 'रन मशीन' विराट कोहली : जैसे सचिन तेंदुलकर को भारत की 'रन मशीन' माना जाता था, ठीक वही किरदार इस वक्त विराट कोहली निभा रहे हैं जिन्होंने लगातार दो वनडे मैचों में न केवल शतक जड़ा अलबत्ता सबसे तेज 10 हजार वनडे रन बनाने के मामले में सचिन को भी पीछे छोड़ दिया। एक समय 40 रन पर रोहित शर्मा (4) और शिखर धवन (29) पैवेलियन लौट चुके थे, तब विराट ने कप्तानी पारी खेली और नाबाद 157 रन ठोंककर स्कोर को 321 रनों तक पहुंचाया। विराट ने इस मैच के जरिए एक साल में 1000 वनडे रन पूरे किए और ऐसा उन्होंने सिर्फ 11 पारियों में किया जो एक कीर्तिमान है।
मैच का रोमांच आखिरी गेंद तक कायम रहा : मैच भले ही 'टाई' पर समाप्त हुआ हो लेकिन स्टेडियम में जमा हजारों क्रिकेट दीवानों के लिए तो यह मुकाबला 'पैसे वसूल' होने जैसा रहा, जिसमें खेल का रोमांच आखिरी गेंद तक कायम रहा। विंडीज को जीत के लिए 6 गेंदों पर 14, 5 गेंद पर 13, 4 गेंद पर 9, 3 गेंद पर 7 (नर्स 5 रन बनाकर आउट), 2 गेंद पर 7 और 1 गेंद पर 5 रन की दरकार थी। होप का एक छक्का मैच का पासा पलट सकता था लेकिन लगा चौका और इसके साथ ही मैच टाई पर खत्म हो गया। सही मायने में यह विंडीज की जीत है...