नई दिल्ली। सरकार जरूरतमंद वरिष्ठजनों को काम देने के लिए जल्द ही एक योजना शुरू करने जा रही है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। राज्यसभा में बुधवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त लोगों और अन्य जरूरतमंद बुजुर्गों को काम देने की खातिर सरकार जल्द ही एक योजना शुरू करने जा रही है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। उन्होंने बताया कि देशभर में 600 से अधिक बुजुर्ग आश्रय गृह हैं जिनमें 30,000 से अधिक वरिष्ठ जन रह रहे हैं। वहां इन्हें भेाजन, स्वास्थ्य आदि सुविधाएं मिलती हैं। कुछ जगहों पर 'डे केयर होम' भी हैं।
द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा के पूरक प्रश्न के उत्तर में आठवले ने बताया कि बुजुर्गों के लिए पोषण सहायता योजना के तहत 2021-22 के लिए 2,000 ग्राम पंचायतों और 200 नगरपालिकाओं को लिया जाएगा और 55 हजार बुजुर्गों को सहायता दी जाएगी। इसके लिए 39.6 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह 2022-23 में 5,000 ग्राम पंचायतें और 500 नगर पालिकाएं इस योजना के तहत ली जाएंगी। कांग्रेस के नीरज डांगी के पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि सरकार ने ऐसा कोई अध्ययन या सर्वे नहीं कराया है जिससे यह पता चल सके कि कितने बुजुर्गों को पोषण की जरूरत है। आठवले ने बताया 2011 की जनगणना के अनुसार देश में बुजुर्गों की संख्या 10 करोड़ 38 लाख है। (भाषा)