किसान आंदोलन में रिहाना और ग्रेटाथनबर्ग ने समर्थन करते हुए ट्वीट किए थे। इसके बाद एक टूलकील सामने आई है। यह टूलकीट अब सार्वजनिक हो गई है, जिसे ग्रेटा ने गलती से ट्वीट कर दिया था। इस घटना के बाद पूरा किसान आंदोलन सवालों के घेरे में आ गया है और इसमें अंतरराष्ट्रीय साजिश की बातें सामने आने का दावा किया जा रहा है। अब दिल्ली पुलिस उस टूलकीट कह जांच कर रही है।
किसान आंदोलन के बहाने भारत में खालिस्तानी साजिश को बढ़ावा दिया जाना था? मशहूर पर्यावरण ऐक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने शुरुआत में जो 'टूलकिट' शेयर की, उसे देखने पर जांच एजेंसियों को यही लगता है।
उस 'टूलकिट' के भीतर भारत को निशाना बनाकर ग्लोबल ट्वीटस्टार्म से लेकर दूतावासों को घेरने तक का आह्वान किया गया था। दस्तावेज में किस तारीख कब क्या और कैसे करना है, इसका विस्तार से जिक्र था। उस टूलकिट के भीतर दर्जनों ऐसे लिंक थे, जिन पर क्लिक करने पर पता चलता कि पूरी तैयारी के साथ आंदोलन के बहाने भारत को बदनाम करने का प्लान था। अब वह टूलकिट पब्लिक डोमेन में नहीं है, मगर डिलीट किए जाने से पहले कई लोगों ने उसकी कॉपीज बना ली थीं।
दरअसल, भारत में जारी किसान आंदोलन पर ग्लोबल पॉप स्टार रिहाना ने 2 फरवरी को ट्वीट किया। उन्होंने CNN की एक स्टोरी का लिंक शेयर करते हुए लिखा कि 'इस बारे में बात क्यों नहीं हो रही है?' अगले दिन ग्रेटा थनबर्ग ने भी आंदोलनकारी किसानों के पक्ष में ट्वीट किया। इसी के नीचे उन्होंने एक 'टूलकिट' शेयर की लिखा कि 'अगर आप मदद करना चाहते हैं तो यह एक टूलकिट है।' कुछ देर बाद यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया। घंटों बाद (4 फरवरी) एक और ट्वीट में 'टूलकिट' शेयर की गई और कहा गया कि यह 'अपडेटेड' है। मगर तब तक पुरानी टूलकिट की काफी सारी बातें बाहर आ चुकी थीं।
ग्रेटा ने जो ट्वीट डिलीट कर दिया, उसमें दिया गया लिंक एक प्रजेंटेशन पर रीडायरेक्ट कर रहा था। इसका टाइटल था 'Global Farmers' Strike - First Wave'। कवर पर आंदोलनकारी किसानों की एक फोटो थी जिसके ऊपर अंग्रेजी में लिखा था, 'क्या आप मानव इतिहास के सबसे बड़े प्रदर्शन का हिस्सा बनेंगे?' अगले पन्ने पर 'अर्जेंट ऐक्शंस की लिस्ट थी।
टूलकिट की जांच करेगी पुलिस
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वे ट्विटर पर स्वीडिश एक्टिविस्ट ग्रेटा थंबर्ग की ओर से किसान आंदोलन पर शेयर किए गए टूलकिट की जांच करेंगे। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने कहा कि पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया है। लेकिन इसमें किसी को नामजद नहीं किया गया है। इस टूलकिट में विस्तार के साथ लोगों को बताया गया है कि किसान आंदोलन के फेवर में लोगों को कब-कब क्या करना है।
क्या है टूलकीट की योजना?
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4 और 5 फरवरी को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक ट्विटरस्टॉर्म (ट्वीट्स का तूफान) बनाना
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एक ईमेल आईडी पर फोटो/वीडियो शेयर करने को कहा गया था
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सरकारी प्रतिनिधियों से संपर्क किया जाए
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ऑनलाइन पिटीशंस साइन की जाएंगे
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अडानी-अंबानी जैसे मोनोपॉली वाले कारोबियों से दूरी बनाई जाए
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3/14 फरवरी को नजदीकी भारतीय दूतावास, मीडिया हाउस या सरकारी भवन का घेराव