Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बचपन से ही मेरी रगों में वर्दी का हरा रंग दौड़ता है : मेजर भावना

हमें फॉलो करें बचपन से ही मेरी रगों में वर्दी का हरा रंग दौड़ता है : मेजर भावना
, बुधवार, 8 मार्च 2023 (00:35 IST)
नई दिल्ली। अपने परिवार से तीसरी पीढ़ी की सैनिक मेजर भावना स्याल का कहना है कि बचपन से ही उनका सपना सैन्य बलों में सेवा देने का था क्योंकि उनकी रगों में (वर्दी का) हरा रंग दौड़ रहा है। मेजर भावना ‘सिग्नल ऑफिसर’ के तौर पर पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं। वर्ष 2012 में सिग्नल कोर में नियुक्त हुईं मेजर भावना संचार कार्य का जिम्मा उठा रही हैं, जो सेना के लिए बेहद अहम है।
 
पूर्वी लद्दाख में जमा देने वाला तापमान एक चुनौती है। हालांकि, अधिकारी ने कहा कि सेना किसी को भी ‘सबसे कठिन परिस्थितियों में जीवित रहना’ सिखाती है।
 
यह पूछे जाने पर कि किस चीज ने उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, मेजर भावना ने कहा कि वह अपने परिवार की परंपरा को जारी रखे हुए हैं।
 
मेजर भावना ने कहा कि मैं बचपन से जानती थी कि यही मेरे जीवन का लक्ष्य है। मेरे पिता की जैतूनी हरी वर्दी और उनके कंधों पर लगे सितारों ने मुझे हमेशा प्रेरित किया है। मेरे दादा और नाना दोनों ने भी सेना में सेवा की है। मेरे नाना ने द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था, तो जैतूनी हरा रंग, मेरी रगों में दौड़ता है।
 
मेजर भावना का पैतृक स्थान पंजाब में है। उन्होंने कहा कि उनके पिता 2012 में आर्टिलरी रेजिमेंट से कर्नल के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने याद किया कि मैं अक्सर उनकी टोपी पहनती थी और घर में घूमती थी। भारतीय सेना में महिलाओं की स्थिति को लेकर मेजर भावना ने कहा कि सेना में ‘सैनिक’ एक ‘लिंग-तटस्थ शब्द’ है।
 
उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहूंगी कि सेना में महिलाओं की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है और प्रेरित महिलाएं दृढ़ संकल्प के साथ अपनी शक्ति साबित करने जा रही हैं। लेकिन, उन युवतियों के लिए जो सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छुक हैं या सपने देख रही हैं, उन्हें सबसे पहले खुद से पूछना चाहिए, ‘क्या आप इसके लिए तैयार हैं’। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बरसाने से कम नहीं है गोरखपुर की होली, हवा भी हो जाती है रंगीन