चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से 2140 किलोग्राम वजनी एस बैंड संचार उपग्रह जीसैट-6ए लेकर जा रहे जीएसएलवी-एफ08 रॉकेट का गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया। 49.1 मीटर लंबे और 415.6 टन वजनी इस रॉकेट ने 27 घंटे की उल्टी गिनती के बाद 1656 बजे सफलतापूर्वक उड़ान भरी।
रॉकेट को चेन्नई से लगभग 80 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के द्वितीय लांच पैड से प्रक्षेपित किया गया। यह जीएसएलवी की 12वीं और स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ छठी उड़ान है। उड़ान भरने के 17 मिनट 46.5 सेकंड बाद इसके साथ गया उपग्रह इससे अलग हो जाएगा तथा 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित हो जाएगा।
अलग होने के समय उपग्रह 20.63 डिग्री के झुकाव पर होगा। उल्टी गिनती कल दोपहर बाद 13.56 बजे शुरू हुई थी। इस दौरान रॉकेट में ईंधन भरा गया और इसकी प्रणालियों की जांच की गई। यह उपग्रह एक हाई पावर एस-बैंड संचार उपग्रह है, जो अपनी श्रेणी में दूसरा है।
भारत इससे पहले जीसैट-6 लांच कर चुका है। यह नया उपग्रह, अगस्त 2015 से धरती की कक्षा में चक्कर लगा रहे जीसैट-6 की मदद के लिए भेजा गया है। इस नए उपग्रह में ज्यादा ताकतवर संचार पैनल्स और उपकरण लगाए गए हैं। इस उपग्रह में लगा छह मीटर का कॉम्पैक्ट एंटीना धरती पर कहीं से भी उपग्रह के जरिये कॉलिंग को आसान बना देगा। (वार्ता)