नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की बैठक शनिवार को होने जा रही है जिसमें सोने, कपड़े, बिस्किट सहित 6 जिंसों के लिए दरें तय की जाएंगी। केंद्र और राज्य सरकारें इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को 1 जुलाई से लागू करने की तैयारियों में जुटी हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल हैं। शनिवार की बैठक में कुछ वस्तुओं पर कर दरों की समीक्षा भी हो सकती है। इसके अलावा बैठक में जीएसटी के लागू होने के बाद फॉर्म के प्रारूप के लिए नियमों को भी मंजूरी दी जा सकती है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह बैठक इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि इसमें शेष जिंसों पर कर और उपकर की दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा। जीएसटी नियमों के मसौदे को और संबंधित फॉर्मों को मंजूरी भी एजेंडा में है।
जीएसटी परिषद ने पिछले महीने 1,200 वस्तुओं और 500 सेवाओं के लिए 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें तय की थीं। इसके अलावा अहितकर तथा लग्जरी उत्पादों पर 28 प्रतिशत की ऊंची कर दर के अलावा उपकर भी लगाया गया था, हालांकि परिषद ने 6 जिंसों- बिस्किट, कपड़ा, फुटवियर, बीड़ी, तेंदूपत्ते के अलावा बहुमूल्य धातुओं, मोती, बहुमूल्य पत्थरों, सिक्कों और कृत्रिम आभूषणों के लिए दरें तय नहीं की थीं।
सूत्रों ने कहा कि कुछ राज्यों ने सोने पर 4 प्रतिशत कर और इनपुट कर क्रेडिट की वकालत की है जिससे कि बहुमूल्य धातुओं पर कर का प्रभाव मौजूदा 2 प्रतिशत के स्तर पर कायम रहे। बिस्किट के बारे में सूत्रों ने कहा कि परिषद की श्रीनगर में हुई पिछली बैठक में इस पर विचार हुआ था। कुछ राज्यों ने 100 रुपए प्रति किलोग्राम से कम दाम वाले बिस्किट पर शून्य कर की मांग की है, जबकि केंद्र इसे 12 प्रतिशत के कर स्लैब में रखना चाहता है।
एक सूत्र ने कहा कि बिस्किट पर कर दर राजनीतिक फैसला होगा। फिलहाल 100 रुपए किलोग्राम से कम के बिस्किट पर उत्पाद शुल्क नहीं लगता है, हालांकि कुछ राज्य इस पर मूल्यवर्धित कर (वैट) लगाते हैं। (भाषा)