Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

ज्ञानवापी केस, सर्वे पर रोक के लिए मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

हमें फॉलो करें Gyanvapi masjid
प्रयागराज/नई दिल्ली , गुरुवार, 3 अगस्त 2023 (23:29 IST)
Gyanvapi Masjid Case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है।
 
उच्च न्यायालय द्वारा जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखने और यह फैसला देने के कुछ ही घंटों बाद कि प्रस्तावित सर्वेक्षण ‘न्याय के हित में आवश्यक है’ और इससे दोनों पक्षों को फायदा होगा, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया। मस्जिद काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित है।
 
शुक्रवार से शुरू होगा सर्वे : इलाहाबाद उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सर्वे शुक्रवार को शुरू करेगी। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने बृहस्पतिवार को बताया कि एएसआई शुक्रवार से ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का काम शुरू करेगा। उसने सर्वे कराने के लिए जिला प्रशासन से सहयोग मांगा है, जो उसे उपलब्ध कराया जाएगा।
 
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर की पीठ ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई द्वारा सर्वेक्षण कराए जाने के वाराणसी जिला अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी और माना कि आदेश न्यायसंगत और उचित है और उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। कमेटी मस्जिद की देखरेख करती है।
 
वाराणसी की जिला अदालत के 21 जुलाई के एक आदेश में शहर में स्थित ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण एएसआई से कराने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय का निर्णय आने के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा है कि एएसआई सर्वेक्षण पर जिला अदालत का आदेश तत्काल रूप से प्रभावी होगा।
 
दूसरी ओर, अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई सर्वेक्षण की अनुमति देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
 
उच्च न्यायालय के फैसले के कुछ घंटे बाद अधिवक्ता निजाम पाशा ने तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। प्रधान न्यायाधीश अनुच्छेद 370 मुद्दे पर दलीलें सुनने वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं।
 
पाशा ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज एक आदेश पारित किया है। हमने आदेश के खिलाफ एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है। मैंने (तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए) एक ईमेल भेजा है। उन्हें सर्वेक्षण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ानी चाहिए। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि ‘मैं तुरंत ईमेल देखूंगा।’ (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

4 गांवों के नाम बदलेंगे, अमानुल्लापुर होगा जमुना नगर