Case of renaming of Villages : केंद्र सरकार ने ओडिशा में एक रेलवे स्टेशन और राजस्थान के 3 गांवों समेत 4 गांव के नाम बदलने को अपनी मंजूरी दे दी है। किसी राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान संशोधन की आवश्यकता होती है। किसी गांव या कस्बे या स्टेशन का नाम बदलने के लिए कार्यकारी आदेश की जरूरत होती है।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राजस्थान के उदयपुर जिले की कनोड तहसील में स्थित 'खिमवातों का खेड़ा' का नाम बदलकर 'खिमसिंहजी का खेड़ा', जोधपुर जिले की फलोदी तहसील में 'बेंगती कला' का नाम बदलकर 'बेंगती हरबुजी' और जालौर जिले की सायला तहसील में 'भुंडवा' का नाम बदलकर 'भांडवपुरा' करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिया जा चुका है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में स्थित 'अमानुल्लापुर' का नाम बदलकर जमुना नगर करने के लिए भी एनओसी दी गई है। गृह मंत्रालय ने ओडिशा के खोरधा मंडल में हरिदासपुर-पारादीप में 'रत्नागिरी रोड रेलवे स्टेशन' का नाम बदलकर 'उदयगिरी-रत्नागिरी रोड रेलवे स्टेशन' करने की भी मंजूरी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय रेल मंत्रालय, डाक विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति लेने के बाद किसी स्थान या स्टेशन का नाम बदलने की मंजूरी देता है। इन संगठनों को यह पुष्टि करनी होती है कि उनके रिकॉर्ड में प्रस्तावित नाम से मिलता-जुलता कोई शहर या गांव नहीं है।
अधिकारियों ने कहा कि किसी राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान संशोधन की आवश्यकता होती है। किसी गांव या कस्बे या स्टेशन का नाम बदलने के लिए कार्यकारी आदेश की जरूरत होती है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)