मंगलुरु। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का विवाद अभी सुलझा भी नहीं कि कर्नाटक के मंगलुरु से एक और ऐसा मामला सामने आया है। मंगलुरु के मलाली में जुमा मस्जिद से नीचे मंदिर होने का दावा किया गया है। मस्जिद के 500 मीटर के दायरे तक बुधवार सुबह आठ बजे से धारा 144 लागू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि 21 मई को मस्जिद के नीचे खुदाई के दौरान हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन मिला था। इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ा।
आज सुबह करीब साढ़े आठ बजे थेनकुलीपडी के श्री रामंजनेय भजन मंदिर में तंबुला प्रश्न नामक धार्मिक आयोजन किए जाने के बाद CRPC की धारा 144 लगाई गई है। हिंदू सामाजिक संगठनों का मानना है कि जुमा मस्जिद का निर्माण मंदिर के स्थान पर किया गया है इसलिए 'तंबुला प्रश्न' अनुष्ठान के बाद 'अष्टमंगला प्रणाम' की तैयारियां शुरू हो गईं।
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को मैंगलुरु शहर के बाहरी इलाके में स्थित जुमा मस्जिद में मस्जिद अधिकारियों द्वारा कराए जा रहे नवीनीकरण कार्य के दौरान मस्जिद के नीचे एक हिंदू मंदिर के जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन मिलने की बात कही गई थी। इसके बाद इलाके के हिंदू संगठनों ने दावा किया कि मस्जिद स्थल पर मंदिर के होने की पूरी संभावना है।
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने जिला प्रशासन से दस्तावेजों के सत्यापन तक मस्जिद में काम स्थगित करने की अपील की।
यहां स्थानीय विधायक भरत शेट्टी ने मामले पर पुरातत्व सर्वेक्षण के हस्तक्षेप की मांग की ताकि यह पता लगाया जा सके कि जुमा मस्जिद के नीचे कोई मंदिर है या नहीं।
शहर की एक अदालत मामले की सुनवाई कर रही है और उसने मस्जिद के अध्यक्ष सहित सभी हितधारकों पर अस्थायी निषेधाज्ञा जारी की है। इधर, मस्जिद प्रबंधन समिति का दावा है कि उनके पास सभी प्रासंगिक दस्तावेज हैं और वे इसे अदालत के समक्ष पेश करेंगे।
विवाद को संज्ञान में लेते हुए उपायुक्त केवी राजेंद्र ने मंगलवार को अधिकारियों और हितधारकों के साथ बैठक की और अगले आदेश तक संरचना की यथावत बनाए रखने का निर्देश दिया। (इनपुट : वार्ता)
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