मुंबई। हनुमान चालीसा के मुद्दे से महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है। इस मामले में रविवार को पुलिस हिरासत में भेजी गईं अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने जेल के अधिकारियों पर जातिवाद का आरोप लगाया है। इसे लेकर उन्होंने लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी भी लिखी है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें ये कहते हुए पीने का पानी नहीं दिया गया क्योंकि वो नीची जाति से हैं। राणा भायखला महिला जेल में हैं।
अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने जेल में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए चिट्ठी में लिखा है कि मुझे ये कहते हुए पीने का पानी नहीं दिया गया कि मैं नीची जाति से हूं। इसके बाद जब मैं रात को बाथरूम का इस्तेमाल करना चाहती थी, तो पुलिस कर्मचारियों ने मेरी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। मुझे फिर से सबसे गंदी भाषा में गाली दी गई। मुझे बताया गया कि वे अनुसूचित जाति के लोगों को वो अपना बाथरूम का इस्तेमाल नहीं करने देते।
नवनीत ने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही शिवसेना सरकार अपने हिन्दुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक चुकी है।
पुलिस ने सांसद नवनीत और रवि राणा पर धारा 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस ने राणा दंपति पर धारा 353 के तहत एक और केस दर्ज किया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी नवनीत की एफआईआर रद्द करने की याचिका को खारिज कर दिया है।
24 घंटे में मांगी रिपोर्ट : खबरों के मुताबिक नवनीत राणा के पत्र पर लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे में पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। नवनीत ने जेल में बदसलूकी का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी।