देहरादून। उत्तराखंड में भाजपा सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत ने खुद हरीश रावत से माफी मांगकर पिछले कई दिनों से दोनों के बीच चल रही जुबानी जंग को समाप्त करने की पहल की है।हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि कांग्रेस में आने के लिए उनकी तरफ से यह माफी नहीं मांगी। लेकिन राजनीति के जानकार उनकी इस माफी के सियासी निहितार्थ ही लगा रहे हैं।
असल में लंबे समय से चर्चा है कि हरक समेत भाजपा में गए कांग्रेस के आधा दर्जन विधायक कांग्रेस में वापसी करना चाहते हैं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन सबको पार्टी में लेने को राजी नहीं हैं। हरीश रावत ने यह शर्त लगा दी थी कि उनकी कांग्रेस में वापसी तभी संभव है जब वे सार्वजनिक माफी मांगें। हरक की आज की गई इस पहल को इसी रूप में देखा जा रहा है।
इसके बाद अब हरक सिंह रावत की आपसी तकरार अब खत्म होती दिखाई दे रही है। हरक सिंह रावत ने आज हरीश रावत के लिए दोनों हाथ जोड़कर उनके चरणों में नतमस्तक होने की बात कह दी।हरक सिंह रावत ने कहा कि वह हरीश रावत को बड़ा भाई मानते हैं।
हरीश रावत उनको कुछ भी कहेंगे तो वे उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।हरीश रावत ने हरक सिंह को कभी महापापी कहा तो कभी गुनाहगार।माना यह जा रहा है कि अब हरक सिंह रावत की तरफ से मांगी गई माफी मांगकर वे हरीश रावत से बैर खत्म कर कांग्रेस में वापसी की राह खोलने की जुगत में हैं।