आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन की खास अहमियत है। क्योंकि पिछले दो साल में कोविड महामारी के बाद दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
महामारी ने दुनिया के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है। 10 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसी के मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस साल जोर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य के कारणों को गंभीरता से लिया जाए।
यह दिवस वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा और उसके प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। जन स्वास्थ्य में मानसिक स्वास्थ्य सबसे ज्यादा नजरअंदाज किए जाने वाला विषय है। दुनिया में 10 लाख लोग मानसिक विकारों के साथ जी रहे हैं।
वहीं 30 लाख लोग शराब के कारण हर साल मरते हैं और तो और हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या से मर रहा है। भेदभाव, मानव अधिकारों का हनन, और अलग अलग वजहों से लगाए गए सामाजिक लांछन ऐसे कारण हैं जो लोगों की मानसिक सेहत को बुरी तरह से खराब कर रहे हैं।
ऐसे में लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बहुत अहम है। हालांकि व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के इस दौर में दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता बढ़ने लगी है। कंपनियों अब अपने कर्मचारियों के लिए मेंटल वेलनेस कार्यक्रम और वर्कशॉप कर रहे हैं। सरकार भी कई तरह के कदम उठा रही है।
इस बार कोरोना की वजह से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर ज्यादा असर देखने को मिला है। इसी के चलते इस बार की थीम “सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल; आइए इसे हकीकत बनाएं” रखी गई है।