नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बाद अब भारत सहित दुनिया के 74 देशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) ने के केसेस सामने आ चुके हैं। अब तक दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 17 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बीते शनिवार मंकीपॉक्स को वैश्विक आपदा घोषित किया। भारत में 24 जुलाई को मंकीपॉक्स का चौथा मरीज दिल्ली में मिला, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार ने इससे बचाव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं।
भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की रिपोर्ट आने के बाद से ही भारत सरकार ने वायरस के प्रकोप को कम करने के लिए दक्षिणी राज्यों में बहु-अनुशासनात्मक (Multi-Disciplinary) टीमें तैनात की हैं। इसके अलावा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देशभर की 15 अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं को संक्रमण का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए ट्रेनिंग दी है।
देश मंकीपॉक्स के 4 मामले आने के बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार-
1. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मंकीपॉक्स के एक मामले को भी प्रकोप (Outbreak) माना जाना चाहिए।
2. अंतराष्ट्रीय यात्रियों को बीमार लोगों के निकट संपर्क से बचने, मृत या जीवित जंगली जानवरों और अन्य लोगों के संपर्क में ना आने की सलाह दी गई है।
3. इसके अलावा, अंतराष्ट्रीय यात्रियों को जंगली जानवरों का मांस (Bushmeat) ना खाने और अफ्रीका के जंगली जानवरों से प्राप्त उत्पादों जैसे (क्रीम, लोशन, पाउडर) का उपयोग ना करने की सलाह दी गई है।
4. निर्देशों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बीमार लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली दूषित सामग्री जैसे कपड़े, बिस्तर या स्वास्थ्य उपकरण और संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से बचने के लिए कहा गया है।
5. इसके अलावा यदि लोगों में बुखार और त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे मंकीपॉक्स के लक्षण विकसित होते हैं, तो उन्हें तुरंत नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी गई है।
6. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी संदिग्ध मामले की रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। मंकीपॉक्स के सभी मामलों की रिपोर्ट्स को राज्य और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य यूनिट्स द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भिजवाया जाएगा।