अहमदाबाद। भारी बारिश के कारण गुजरात के सौराष्ट्र में निचले इलाकों में रहने वाले एक हजार से ज्यादा लोगों को पिछले दो दिनों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन भी बारिश होती रही।
अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ ने मंगलवार को जामनगर के जोदिया ताल्लुका के एक गांव से नौ लोगों को, ध्रोल ताल्लुका से दो और पोरबंदर जिले के एक गांव से तीन लोगों को बचाया। ये सभी गांव नदी के तट पर स्थित हैं।
राज्य आपदा अभियान केंद्र (एसईओसी) के मुताबिक खम्भालिया ताल्लुका में मंगलवार को सुबह 6 से शाम 4 बजे के बीच 291 मिमी बारिश हुई। इस ताल्लुका में रविवार को 487 मिमी और सोमवार को 230 मिमी बारिश हुई थी।
सौराष्ट्र के देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर और राजकोट जिलों के कई इलाकों में भारी वर्षा हो रही है। जामनगर के जमजोधपुर में 171 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
एसईओसी ने बताया कि मंगलवार को सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक देवभूमि द्वारका जिले की भंवाद और कल्यापुर ताल्लुका में बारिश क्रमशः 155 मिमी व 199 मिमी हुई।
भारी बारिश से जामनगर के कई रिहायशी इलाकों में पानी भर गया और आम जनजीवन पटरी से उतर गया स्थानीय लोगों के मुताबिक जमजोधपुर में एक मंदिर बारिश के पानी से डूब गया और कई नदियां उफान पर हैं जिससे गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
राज्य के राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने बताया कि जामनगर, द्वारका और पोरबंदर जिलों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बीते कुछ दिनों में सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि कम से कम 115 लोगों को मंगलवार को वापस उनके घर भेज दिया गया, क्योंकि उनके गांवों में स्थिति में सुधार आ गया है, जबकि 1047 लोग अब भी अलगअलग आश्रय गृहों में हैं।
पटेल ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 6 टीमों को सौराष्ट्र क्षेत्र में और 3 टीमों को दक्षिण गुजरात में तैनात किया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अहमदाबाद केंद्र ने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ में मानसून की वजह से भारी बारिश हुई।
विभाग ने बताया कि सौराष्ट्र और सटे हुए क्षेत्रों के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है और उसके साथ चक्रवाती स्थिति भी है।
विभाग ने देवभूमि द्वारका और कच्छ जिलों के अलग-अलग स्थानों पर बुधवार को भारी बारिश होने की संभावना जताई है। (भाषा)