मुख्य बिंदु
-
महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से अब तक 136 की मौत
-
रत्नागिरी और कोल्हापुर जिलों में बाढ़ से तबाही
-
सतारा जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश
-
पुणे-बेंगलुरु हाइवे पानी में डूबा
पुणे। महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से तटीय कोंकण क्षेत्र में रत्नागिरी जिले में रायगढ़ और पश्चिमी महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इसके अलावा सतारा जिले के कई हिस्सों में भारी बारिश कहर बरपा रही है। बारिश जनित घटनाओं और शवों की बरामदगी के बाद मृतकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 136 हो गई। 59 लोग अभी भी लापता है।
राज्य में पिछले दो दिनों के दौरान अत्यधिक बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुई जिनमें 136 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी। पूरे राज्य में आज भी भारी बारिश हो रही है। इसके बावजूद केवल पुणे मंडल के 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
सांगली जिले के तंदुलवाड़ी और कानेगांव गांव वर्ना नदी के उफान के कारण जलमग्न हो गए हैं। भारी बारिश की वजह से पुणे बेंगलुरु हाईवे पानी में डूब गया। इस वजह से यहां यातायात पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
सेना ने राज्य में बाढ़ राहत और बचाव कार्य के लिए ऑपरेशन वर्षा 21 शुरू किया है। इसने पुणे के प्रभावित क्षेत्रों में स्थित औंध सैन्य स्टेशन पुणे और बॉम्बे इंजीनियर समूह के सैनिकों सहित कुल 15 राहत और बचाव दल तैनात किए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में बचाव अभियान को तेज करने के लिए अपनी टीम की संख्या 18 से बढ़ाकर 26 कर दी।
महाराष्ट्र के सतारा जिले में अंबेघर गांव में हुए भूस्खलन वाली जगह से शनिवार को 5 शव बरामद किए गए। भूस्खलन में कम से कम 16 लोगों के फंसे होने की आशंका हैं। स्थानीय पुलिस, निवासी और एनडीआरएफ द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सतारा के लिए एक नया रेड अलर्ट जारी किया है जिसमें अगले 24 घंटों में इस पश्चिमी महाराष्ट्र जिले के पहाड़ी घाट क्षेत्रों में अत्यधिक भारी वर्षा की भविष्यवाणी की गई है। इस इलाके में भूस्खलन के कारण लगभग 30 लोग लापता हैं।