- फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा हिमाचल का सेवक
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चाहते हैं बागी विधायकों की कांग्रेस में वापसी
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दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से करेंगे मुलाकात
Himachal Politics : राज्यसभा चुनाव के बाद से ही हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है। बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद पार्टी हिमाचल सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह को मनाने में लगी हुई है। आलाकमान के प्रयासों से जब सब कुछ ठीक होता नजर आ रहा था तभी विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस हटा लिया।
विक्रमादित्य सिंह ने अपना फेसबुक प्रोफाइल का स्टेटस बदल दिया है। उन्होंने अपनी प्रोफाइल पर कांग्रेस विधायक की जगह 'हिमाचल का सेवक' लिख दिया है। इससे साफ हो गया है कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार के ऊपर से संकट अभी टला नहीं है।
कहा जा रहा है कि हिमाचल कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य बागी विधायकों को पार्टी में वापसी कराने का प्रयास कर रहे थे हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में बागी विधायकों से मुलाकात भी की थी।
इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को उन्हें सूचित किया कि कांग्रेस के कुछ बागियों ने उनसे संपर्क किया है और वे वापस आना चाहते हैं। मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी बागियों को वापस लेने के लिए तैयार है।
हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा पर हैं जहां वह शनिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात करेंगे। उनका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी मुलाकात का कार्यक्रम है। इस बीच हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने आज सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है।
कांग्रेस के 6 बागियों ने की थी क्रॉस वोटिंग : हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में कांग्रेस के छह बागियों ने क्रॉस वोटिंग की थी जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया था। इसके बाद, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने शिमला में पार्टी विधायकों से बात करने के लिए पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजी।
इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा में राज्य के बजट के लिए मतदान पर पार्टी व्हिप का कथित तौर पर उल्लंघन करने के चलते संबंधित छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।
Edited by : Nrapendra Gupta