जिस पुलिस अधिकारी से माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम भी डरता था, वही अधिकारी यदि खुद से हारकर खुदकुशी कर ले तो आश्चर्य होता ही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व मुखिया रहे हिमांशु रॉय की, जिन्होंने रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रॉय को कैंसर था और वे स्टेरॉइड्स के सहारे ही जिंदा थे। बीमारी बढ़ती ही जा रही थी। काफी इलाज के बाद भी कोई सुधार नजर नहीं आ रहा था। इसकी वजह से वे काफी परेशान रहने लगे थे। इतना ही नहीं वे डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर रहे रॉय एडीजी रैंक के अधिकारी थे।
हिमांशु रॉय ने पुलिस में रहते हुए कई मामले निपटाए। एटीएस में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को गिरफ्तार किया था। अनीस पर कथित रूप से आरोप था कि वह बांद्रा कुर्ला स्थित अमेरिकन स्कूल को उड़ाने की योजना बना रहा था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक एटीएस से ट्रांसफर होने के बाद हिमांशु ने कोई नई नियुक्ति नहीं ली थी।
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में भी हिमांशु रॉय की टीम ने उल्लेखनीय काम किया था। इस मामले में बिंदु दारासिंह और मैयप्पन की गिरफ्तारी हुई थी। पल्लवी पुरकायस्थ हत्याकांड में भी मुंबई क्राइम ब्रांच ने रॉय के नेतृत्व में काम किया था।
दाऊद के भाई इकबाल कासकर के ड्राइवर आरिफ पर गोली चलाने के मामला, जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे हत्याकांड और लैला खान हत्याकांड जैसे चर्चित मामलों की जांच भी रॉय ने ही की थी।