बेंगलुरु। महीने से अधिक समय तक चले कटुतापूर्ण चुनाव अभियान के बाद शनिवार को कर्नाटक में त्रिकोणीय मुकाबले में नई विधानसभा चुनने के लिए मतदान होगा। ज्यादातर सर्वेक्षणों एवं ओपिनियन पोल के अनुसार, सत्तारुढ़ कांग्रेस और भाजपा सत्ता के दो प्रबल दावेदार हैं जबकि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा का जनता दल सेकुलर किंगमेकर की भूमिका निभा सकता है।
राज्य में 4.98 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जो 2600 से अधिक उम्मीदवारों के बीच से अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। इन मतदाताओं में 2.52 करोड़ से अधिक पुरुष, करीब 2.44 महिलाएं तथा 4,552 ट्रांसजेंडर हैं। चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि राज्य में 55,600 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए हैं। कुछ सहायक मतदान केंद्र भी होंगे। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए 3.5 लाख से अधिक कर्मी चुनाव ड्यूटी पर होंगे।
सूत्रों ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में कुछ मतदान केंद्र संबंधित स्थान के पारंपरिक रूप में नजर आएंगे। पहली बार कुछ चुनिंदा मतदान केंद्रों पर दिव्यांग कर्मचारी ड्यूटी पर होंगे। सूत्रों ने बताया कि लोग मोबाल एप्प के अनुसार, मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार की स्थिति के बारे में जान पाएंगे। वैसे 1985 के बाद से कर्नाटक में कोई भी दल लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आ पाया है। उस साल रामकृष्ण हेगड़े की अगुवाई में जनता दल फिर सत्ता पर काबिज हुआ था।
कांग्रेस, पंजाब के बाद एकमात्र बड़े राज्य पर काबिज रहने के लक्ष्य पर केंद्रित है, जबकि भाजपा कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने के लिए जुटी हुई है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक पार्टी के लिए दूसरी बार दक्षिण में कदम रखने का द्वार होगा। वैसे भाजपा ने सिर्फ एक बार 2008 से 2013 के बीच कर्नाटक में शासन किया था लेकिन उसका कार्यकाल पार्टी की अंदरुनी कलह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा रहा था।
उसके तीन मुख्यमंत्रियों में से एक और फिलहाल मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में थे। जनता दल सेकुलर के अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने माना है कि उनकी पार्टी के लिए यह जीवन-मरण का सवाल है। जद(एस) फिलहाल एक दशक से सत्ता से बाहर है। कांग्रेस को विश्वास है कि वह लगातार सत्ता में नहीं आने के चलन को तोड़ेगी और सिद्धारमैया ने कहा कि उनकी पार्टी इतिहास रचेगी।
उन्होंने ट्वीट किया, मुझसे अक्सर कहा जाता है कि इतिहास मेरे विरुद्ध है, क्योंकि लंबे समय से कर्नाटक में किसी सरकार का पुनर्निर्वाचन नहीं हुआ, लेकिन हम यहां इतिहास रचने के लिए हैं, न कि उसे मानने के लिए। उधर, कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी कि इतिहास दोहराया जाए। वैसे भाजपा ने ‘मिशन 150 (सीट)’ के साथ अपना अभियान शुरू किया था लेकिन शाह ने कल कहा कि पार्टी 130 से अधिक सीटें जीतेंगी।
2013 के विपरीत भाजपा इस बार एकजुट है। उस साल वह येदियुरप्पा की केजीपी, बी श्रीरामुलू की बीएसआर कांग्रेस जैसे धड़ों में बंटी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए ताबड़तोड़ प्रचार किया, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। सिद्धारमैया समेत चार वर्तमान एवं पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव मैदान में हैं।
येदियुरप्पा शिकारीपुरा से, कुमारस्वामी चेन्नापटना और रमनगारा से तथा भाजपा के जगदीश शेट्टार हुब्बली धारवाड़ से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा की 223 सीटों के लिए शनिवार को मतदान होगा। एक सीट पर मतदान भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक बीएन विजयकुमार के निधन के चलते स्थगित कर दिया गया है। (भाषा)