यूं तो वेबदुनिया को दुनिया का पहला हिन्दी पोर्टल होने का गौरव हासिल है, लेकिन इसके जन्म की कहानी कम रोचक नहीं है। जिस समय इंटरनेट के क्षेत्र में भाषाई पोर्टल्स के लिए संभावनाएं नहीं के बराबर थीं, उस समय 23 सितंबर 1999 को इसकी शुरुआत हुई। इसको लेकर काम की शुरुआत तो 1998 से ही हो गई थी। वेबदुनिया का मुख्यालय मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में स्थित है।
भारत में इंटरनेट की शुरुआत 80 के दशक से ही हुई, लेकिन विधिवत रूप से 15 अगस्त 1995 में भारत संचार निगम लिमिटेड ने गेटवे सर्विस लांच कर इसकी शुरुआत की। तब सिर्फ अंग्रेजी की वेबसाइटें होती थीं और सारा काम अंग्रेजी में ही होता था। भारत में इंटरनेट की शुरुआत के महज 3 साल बाद हिन्दी का पहला पोर्टल वेबदुनिया डॉट कॉम लांच हुआ। इसे हिन्दी भाषा के लिए नई क्रांति की शुरुआत माना गया। वेबदुनिया का औपचारिक शुभारंभ भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्रकुमार कुमार गुजराल ने किया था।
वेबदुनिया इसलिए भी खास है, क्योंकि जिस जमाने में अखबारों को तोप और तलवारों से ज्यादा ताकतवर और धारदार माना जाता था, ऐसे समय में लोगों को खबर पढ़ने के लिए उनके हाथ में कम्प्यूटर का माउस थमाना वाकई बड़ी बात थी। वेबदुनिया की यही खूबियां उसे औरों से अलग भी करती हैं और आज इस वेब पोर्टल की देश के प्रमुख हिन्दी पोर्टल्स में गिनती होती है। वर्तमान में वेबदुनिया हिन्दी के अलावा मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और अंग्रेजी भाषाओं में संचालित होता है। इतना ही नहीं फोनेटिक की-बोर्ड से परिचय कराने का श्रेय भी वेबदुनिया को ही जाता है। इस की-बोर्ड के माध्यम से इंटरनेट यूजर्स को हिन्दी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में टाइप करने की सुविधा मिली।
21वीं सदी के पहले इलाहाबाद महाकुंभ में वेबदुनिया के सौजन्य से अध्यात्म और आईटी का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला। उस समय वेबदुनिया ने देश-विदेश में मौजूद भारतीयों के लिए इलाहाबाद कुंभ से जुड़ी जानकारियों से अवगत कराया। इनमें समाचार, कुंभ का इतिहास, आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व से लेकर कुंभ के आकर्षक फोटो भी श्रद्धालुओं तक पहुंचाए। महाकुंभ में वेबदुनिया का सबसे आकर्षक था 'ऑनलाइन स्नान' अथवा 'वर्चुअल स्नान'। उस समय इसे काफी सराहा गया था।
मानव मन जिज्ञासु है तो शंकालु भी है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर उसे शुभ और अशुभ की चिंता होती ही है। रामचरित मानस में लोग रामशलाका के माध्यम से अपने शुभ-अशुभ जानने का प्रयत्न करते हैं। वेबदुनिया पर भी रामचरित मानस की 'रामशलाका' बहुत लोकप्रिय है। वेबदुनिया के धर्म-संसार चैनल पर आप संपूर्ण रामचरित मानस भी पढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं दैनिक, साप्ताहिक और मासिक भविष्यफल के अलावा वेबदुनिया आपको कुंडली बनाने की सुविधा भी प्रदान करता है। ज्योतिष सेक्शन में जाकर आप वर-वधू पत्रिका मिलान भी कर सकते हैं। फैक्ट-चेक, जो कि समाचार चैनल का हिस्सा है, इसके माध्यम से वेबदुनिया फर्जी खबरों से पर्दा हटाने का काम भी करता है।
स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां पाठक वेबदुनिया के सेहत चैनल पर हासिल कर सकते हैं। यहां आयुर्वेद, होम्योपैथ और एलोपैथ से जुड़ी सामग्रियां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी वेबदुनिया उपलब्ध है। इन प्लेटफॉर्म्स पर भी आप वेबदुनिया से जुड़ सकते हैं। यूट्यूब पर वेबदुनिया के 1.6 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं, वहीं फेसबुक पर भी 10 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं। वेबदुनिया यूट्यूब पर वेबदुनिया हिन्दी के नाम से है, वहीं इसके सबचैनल ब्रेकिंग न्यूज में आप रोज के समाचार से जुड़ी जानकारियां देख और सुन सकते हैं।
वेबदुनिया का खजाना यहीं जाकर खत्म नहीं हो जाता है। यहां से चुन सकते हैं आप और भी कई अनमोल मोती, जो आपकी जानकारी में इजाफा ही करते हैं। मनोरंजन, बॉलीवुड, क्रिकेट, खेल से जुड़े समाचारों के साथ ही बच्चों की दुनिया में आपके नन्हे-मुन्नों के लिए रोचक कहानियां, प्रेरक प्रसंग, निबंध आदि मौजूद हैं तो युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की जानकारी भी यह वेब पोर्टल आप तक पहुंचाता है। लाजवाब व्यंजन बनाने की विधि, साहित्य, सभी धर्मों के बारे में विस्तृत जानकारी, फोटो गैलरी आदि क्या कुछ नहीं है वेबदुनिया में। ...तो पल-पल अपडेट रहने के लिए बने रहिए वेबदुनिया के साथ।