कर्नाटक में हिजाब को लेकर जो हंगामा हो रहा है, उसमें जो वीडियो सामने आ रहे हैं वो दिल दुखाने वाले हैं। जहां तक किसी मुद्दे पर सहमति या असहमति की बात है तो वो ठीक है, तो उसके लिए सबके पास अधिकार है, लेकिन धर्म को चोगा पहनकर और जय श्री राम के नारे लगाते हुए किसी लडकी को घेर कर उसे असुरक्षित महसूस कराना तो खुद भगवान श्री राम नहीं सिखाते।
फिर इन आततायियों को किसने ये हक दिया कि वे ये तय करें कि किसे क्या पहनना है और क्या नहीं। जहां तक इस बात को लेकर नाराजगी, नियम या कोई और तर्क हैं तो उसके लिए यह मामला कोर्ट में जा चुका है, जहां से जो भी फैसला आता है उसे सर्वमान्य माना जाना चाहिए।
बता दें कि कर्नाटक में कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब पहनने को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद चल रहा है। जिसमें हिजाब और भगवा आमने सामने आ गए हैं। कुछ छात्र हंगामा कर रहे हैं, इस बीच विरोध और नाराजगी का दौर जारी है।
क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब उडुपी में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से क्लास में एंट्री नहीं दी गई थी।
कॉलेज का कहना था कि यहां पर एक यूनिफॉर्म लागू है तो अलग ड्रेस पहनकर आने वाले लोगों को कॉलेज में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन लड़कियों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
उनका तर्क है कि इस तरह से हिजाब न पहनने देना मौलिक अधिकारों का हनन है और आर्टिकल 14 और 25 का उल्लंघन है।