नई दिल्ली। क्या आप सोच सकते हैं कि निकट भविष्य में भारत में ऐसी ट्रेन भी चल सकेगी जिसकी गति इतनी तेज होगी कि नई दिल्ली से मुंबई तक पहुंचने के लिए मात्र 55 मिनट का समय लगेगा।
सड़क पर चलने वाले यातायात के सामने बहुत सारी मुसीबतें भी होती हैं लेकिन एक ट्रेन ऐसी भी है जिसपर इन बातों का बहुत कम ही असर होगा। खुशी की बात यह है कि इस तरह की हाइपरलूप ट्रेन का निर्माण भारत में तेलंगाना-आंधप्रदेश के बीच हो रहा है।
आपके लिए यह और भी आश्चर्य की बात होगी कि हाइपरलूप ट्रेन की गति 750 मील (1224 किलोमीटर) प्रति घंटे की होगी। बुलेट ट्रेन से भी तेज चलने वाली हाइपरलूप ट्रेन को भारत में हरी झंडी मिल गई है। आंध्र प्रदेश सरकार विजयवाड़ा और अमरावती शहरों को हाइपरलूप के जरिए जोड़ेगी। दोनों शहरों के बीच की एक घंटे की यात्रा घटकर केवल पांच-छह मिनट की रह जाएगी।
बुलेट ट्रेन से भी तेज चलने वाली हाइपरलूप ट्रेन को भारत में हरी झंडी मिल गई है। आंध्र प्रदेश सरकार विजयवाड़ा और अमरावती शहरों को हाइपरलूप के जरिए जोड़ेगी। दोनों शहरों के बीच की एक घंटे की यात्रा घटकर केवल पांच-छह मिनट की रह जाएगी।
यातायात में नई क्रांति लाने वाली हाइपरलूप ट्रांस्पोर्टेशन तकनीक अमेरिका से भारत में आ चुकी है। खास बात यह है कि इस ट्रेन का मुकाबला किसी ट्रेन या बस से नहीं है, वरन विमानों से होगा। यह ऐसी अत्याधुनिक तकनीक है जोकि पश्चिमी देशों के लिए भी आधुनिक है।
हाइपरलूप दुनिया की सबसे तेज ट्रेन बनाने वाली कंपनी है। हाल ही में हाइपरलूप वन ने भारत में एक आयोजन किया था जहां उन्होंने भारत में बनने वाले उनके प्रोजेक्ट के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि ये ट्रेन 55 मिनट में दिल्ली से मुंबई पहुंचा देगी। इस ट्रेन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बुलेट ट्रेन से भी दोगुनी रफ्तार से चलती है। वास्तव में, यह ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस एक पॉड (ट्रैक) पर चलेगी।
यह ट्रेन वैक्यूम (बिना हवा) ट्यूब सिस्टम से गुजरने वाली कैप्सूल जैसी हाइपरलूप 750 मील (1224 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। विभिन्न मार्गों पर इसकी गति और दूरी पूरी करने वाली गति को इस तरह समझा जा सकता है।
कंपनी के विशेषज्ञों का कहना है कि मुंबई से चेन्नई के बीच की 1,102 किलोमीटर की दूरी मात्र 50 मिनट में पूरी हो जाएगी। इस तरह से दिल्ली से जयपुर और इंदौर से होते हुए मुंबई (जोकि 1,317 किलोमीटर की दूरी होगी) को मात्र 55 मिनट में पूरी करेगी।
जबकि बैंगलुरु से तिरुवनंतपुरम के बीच की 736 किलोमीटर मात्र 41 मिनट में और बैंगलुरु से चेन्नई- के बीच की 334 किलोमीटर मात्र 20 मिनट में पूरी की जाएगी।