कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने गुरुवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) प्रमुख पद के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का नामांकन नहीं करके उन्हें इस प्रक्रिया से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे शर्मनाक राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया।
बनर्जी ने कहा कि अगर प्रसिद्ध क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर या मोहम्मद अजहरुद्दीन को भी इस तरह वंचित रखा जाता तब भी वह यही बात कहतीं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांगुली को किसी और के हितों को सुरक्षित रखने के लिए चुनाव लड़ने तक का मौका नहीं दिया गया।
ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि उन्हें आईसीसी में क्यों नहीं भेजा गया? यह किसी और के हितों को (क्रिकेट बोर्ड में) साधने के लिए किया गया। उन्होंने पद खाली रखा ताकि कोई और चुनाव लड़ सके। मैंने अनेक भाजपा नेताओं से बात की, लेकिन उनका नाम नहीं भेजा गया। उन्हें वंचित किया गया है। यह शर्मनाक राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने इस सप्ताह की शुरुआत में गांगुली को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने पर हैरानी जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था ताकि गांगुली को आईसीसी प्रमुख के पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति मिल जाए।
बनर्जी ने कहा कि भाजपा अपने स्वार्थपूर्ण उद्देश्य के लिए उन लोगों को वंचित कर रही है जिन्होंने देश को सम्मान दिलाया। 90 के दशक की शुरुआत में केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रह चुकीं बनर्जी ने पूछा कि गांगुली को बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल क्यों नहीं दिया गया जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को बीसीसीआई सचिव के रूप में दूसरा कार्यकाल दिया गया है।
बनर्जी ने कहा कि अगर बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली का कार्यकाल खत्म हुआ तो जय शाह का कार्यकाल भी समाप्त होना चाहिए। मैं क्रिकेट को भारत के रूप में देखती हूं, अन्य किसी रूप में नहीं। सौरभ अच्छे आदमी हैं, इसलिए कुछ नहीं कह रहे हैं।
बाद में शहर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने दावा किया कि अगर भारत आईसीसी अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरता तो जीत जाता।
उन्होंने कहा कि जो चुनाव लड़ने के पात्र थे, उन्हें नामांकन दाखिल नहीं करने दिया गया। किसी और के लिए यह पद सुरक्षित रखने के वास्ते ऐसा किया गया है। मुझे इस संकीर्ण राजनीति पर शर्म आती है।
गांगुली की जगह पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का 36वां अध्यक्ष चुना गया है। हालांकि, बीसीसीआई की मंगलवार को हुई जिस एजीएम में यह फैसला लिया, उसमें आईसीसी चुनाव के विषय पर बातचीत नहीं हुई।
आरोप पर भाजपा ने क्या कहा : बनर्जी के दावे को खारिज करते हुए भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने कहा कि मुख्यमंत्री मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं और सौरव गांगुली को लेकर बंगाली अस्मिता का विषय उठा रही हैं।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि इसमें कोई राजनीति नहीं है, लेकिन वह राजनीति खोजने की कोशिश कर रही हैं। वह न केवल सौरव गांगुली बल्कि रोजर बिन्नी का भी अपमान कर रही हैं जो विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे हैं। बीसीसीआई पश्चिम बंगाल की खेल संस्थाओं की तरह स्वायत्त है।
भाजपा ने पहले ममता बनर्जी से कहा था कि यदि वह गांगुली को लेकर इतनी चिंतित हैं तो उन्हें अभिनेता शाहरुख खान की जगह गांगुली को राज्य का ब्रांड अंबेसेडर बना देना चाहिए। भाषा Edited by Sudhir Sharma