नई दिल्ली। एलोपैथी के इलाज पर टिप्पणी करना योगगुरु बाबा रामदेव को खासा महंगा पड़ता नजर आ रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने दिल्ली के आईपी एस्टेट थाने में रामदेव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।
डॉ. जयेश लेले ने अपनी शिकायत में कहा गया है कि रामदेव कोरोना के इलाज को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। यह एक अपराध है।
इससे पहले एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर रामदेव पर देशद्रोह चलाने की मांग की थी। आईएमए ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि पतंजलि के मालिक रामदेव द्वारा टीकाकरण पर गलत सूचना अभियान को रोका जाना चाहिए। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद 10,000 डॉक्टर और लाखों लोग मारे गए हैं। देशद्रोह के आरोपों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
हाल ही में रामदेव ने एलोपैथी और डॉक्टरों पर बयान दिया था। इससे आईएमए खासा नाराज हुआ था। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री की आपत्ति के बाद योगगुरु ने बयान वापस ले लिया था, लेकिन उन्होंने आईएमए पर 25 सवाल दागे थे। इसके बाद पंतजलि और आईएमए में लगातार विवाद और बढ़ गया।
उल्लेखनीय है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) उत्तराखंड ने योगगुरु को 1000 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से कहा गया है कि वे अगले 15 दिन में अपने बयान के खंडन का वीडियो जारी करें साथ लिखित रूप से माफी भी मांगें।
एलोपैथी को स्टूपिड साइंस बताने वाले बाबा रामदेव द्वारा बाद में उस पर खेद जताने के बाद अब एक और विवादित बयान का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वे कह रहे हैं कि किसी का बाप भी रामदेव को गिरफ्तार नहीं करा सकता है।
इस बीच, उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित योग गुरु बाबा रामदेव के योग ग्राम में रोजाना 100 से ज्यादा लोगों को एकत्रित कर योग सिखाने पर सवाल उठने लगे हैं।