नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के डिजिटलीकरण तथा आधार की तारीफ करते हुए कहा है कि उसने डिजिटलीकरण में विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। आईएमएफ ने एशिया में डिजिटलीकरण के बारे में एक ब्लॉग में कहा है डिजिटलीकरण से सरकार के कामकाज में पादर्शिता आती है और उसकी दक्षता बढ़ती है।
'आधार' के साथ भारत का प्रयोग इसी का एक उदाहरण है। आधार दुनिया की सबसे बड़ी बायोमीट्रिक पहचान प्रणाली है जिसमें 120 करोड़ लोगों को 12 अंकों वाली विशिष्ट पहचान संख्या जारी की गई है। इस पहचान संख्या से कई सामाजिक कार्यक्रमों को जोड़ा गया है जिनमें रसोई गैस की सब्सिडी भी शामिल है।
उसने कहा है कि रसोई गैस की सब्सिडी को आधार से जोड़ने के बाद से फर्जी लाभार्थी या ज्यादा बार सब्सिडी लेने के मामले समाप्त हो गए हैं। इसके अलावा आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे सब्सिडी हस्तांतरित करने से अब पैसा डीलरों के पास नहीं जाता और इस प्रकार गरीबों को इसका बेहतर लाभ मिल रहा है। ब्लॉग में प्रशासन के डिजिटलीकरण के लिए भी भारत की तारीफ की गई है।
इसमें कहा गया है कि एशिया में कुछ देश डिजिटलीकरण की दिशा में बेहतर काम कर रहे हैं जबकि कुछ अन्य देश अभी पीछे हैं। भारत ने इस मामले में औसतन विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है जबकि चीन, श्रीलंका, इंडोनेशिया और थाईलैंड विकासशील देशों से आगे हैं। (वार्ता)