कलबुर्गी (कर्नाटक)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीवंत और रंगीन लंबानी (बंजारा) घुमंतू जनजातियों से प्रभावित होकर गुरुवार को कहा कि उनकी पोशाक, संस्कृति, परंपराएं और खानपान भारत की ताकत हैं और उनकी सरकार इन सभी के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में फैले आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लंबानी समुदाय के साथ भावनात्मक लगाव स्थापित करने के प्रयास के तहत मोदी ने 52000 से अधिक सदस्यों के लिए जमीन का मालिकाना हक देने वाले हक्कू पत्र वितरण अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि यह समुदाय सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है।
मोदी ने कर्नाटक के इस जिले के मालखेड में उत्साहित भीड़ से कहा, डबल इंजन सरकार (केंद्र और कर्नाटक की भाजपा सरकार) भारत में हर समुदाय की परंपराओं, संस्कृति, व्यंजनों और पहनावे को अपनी ताकत मानती है। हम इस ताकत की रक्षा करने के पक्षधर हैं।
वह लंबानी समुदाय को संबोधित कर रहे थे, जो अपनी विशिष्ट पोशाक और भाषा के लिए जाने जाते हैं। इस समुदाय की महिलाओं की पहचान भी विशिष्ट है। वे शीशे के काम वाला, कढ़ाईदार चटक रंग का घाघरा (लहंगा) पहनती हैं। वे कलाई से कंधे तक क्रीम रंग की चूड़ियां पहनती हैं और बालों से लेकर पैर तक चांदी के बने आभूषणों से खुद को सजाती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, सुहाली, लम्बानी, लंबाडा, लंबाना या बाजीगर... आप उन्हें कुछ भी कहें, वे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और जीवंत हैं। आप देश का गौरव और देश की ताकत हैं। उन्होंने कहा, आपका हजारों साल का इतिहास है और आपने देश के विकास में योगदान दिया है। हमें मिलकर इस विरासत को संरक्षित करना है और आगे भी बढ़ाना है। हमें सबके विकास के लिए, सबको साथ लेकर चलना होगा।
बंजारा समुदाय के साथ अपने अनुभव को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में जहां से वह आते हैं, वहां अक्सर पड़ोसी राज्य राजस्थान की तरह, इस समुदाय को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हालांकि हर जगह पानी की कमी को दूर करने के लिए एक व्यवस्था है, जो सैकड़ों साल पुरानी है।
उन्होंने कहा, आज भी राजस्थान और गुजरात के गांवों में पानी की कमी को दूर करने के लिए 'लाखा बंजारा' समुदाय द्वारा निर्मित कुछ सुविधाएं मौजूद हैं। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे लाखा बंजारा से संबंधित समुदाय की सेवा करने का अवसर मिल रहा है, जिन्होंने बड़े पैमाने पर समाज की सेवा की है।
'हक्कू पत्र' वितरण समारोह के दौरान, अपने पारंपरिक लंबानी पोशाक पहनी एक महिला ने प्रधानमंत्री के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्होंने भी अपने भाषण में उन्हें मां कहकर उनका आशीर्वाद स्वीकार किया।उत्तरी कर्नाटक के 5 जिलों में 52000 से अधिक लंबानी परिवारों को पहली बार उस भूमि पर मालिकाना हक मिलेगा, जहां वे दशकों से रह रहे हैं।
मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने देश में अधिकतम वर्षों तक शासन करने के बावजूद इस समुदाय के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया और उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। फोटो सौजन्य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)