Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भारत में 100 मतदाताओं पर मात्र 7 करदाता!

हमें फॉलो करें भारत में 100 मतदाताओं पर मात्र 7 करदाता!
नई दिल्ली , रविवार, 5 फ़रवरी 2017 (16:09 IST)
नई दिल्ली। दुनियाभर में आर्थिक क्षेत्र में एक बेहतर निवेश संभावनाओं वाले देश के रूप में अपनी पहचान बना चुके भारत के मामले में एक रोचक तथ्य यह भी है कि यहां प्रत्येक 100 मतदाताओं में से केवल 7 ही करदाता हैं। इसके आधार पर कहा जा रहा है कि दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में राजकोषीय लोकतंत्र विकसित नहीं हो सका है।

 
इतना ही नहीं, देश में सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर किया जाने वाले व्यय का आवंटन भी कुछ ठीक नहीं है। गरीबों की सर्वाधिक संख्या वाले जिले सामाजिक कार्यक्रमों में निधियों की सबसे बड़ी कमी से जूझ रहे हैं। निर्धनतम 40 प्रतिशत जिलों को कुल वित्त पोषण का 29 प्रतिशत धन ही प्राप्त होता है। यह बात कोई और नहीं बल्कि सरकार ने स्वयं स्वीकार की है। 
 
वित्त वर्ष 2016-17 की आर्थिक समीक्षा में 'भारत के बारे में 8 दिलचस्प तथ्य' शीर्षक वाली एक विशेष प्रस्तुति में उक्त जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि देश में राजनीतिक लोकतंत्र तो है लेकिन राजकोषीय लोकतंत्र नहीं है। देश में प्रत्येक 100 मतदाताओं में केवल 7 लोग ही कर देने वाले हैं। इसके अनुसार भारत में प्रति 100 मतदाता में केवल 7 लोग ही कर देते हैं। इसके कारण जी-20 के लोकतांत्रिक देशों में भारत का 18 में से 13वां स्थान है।
 
कर देने वाले देशों में नॉर्वे पहले स्थान पर है। नार्वे में प्रत्येक 100 मतदाताओं में 100 करदाता हैं, दूसरा स्थान स्वीडन का है, जहां प्रत्येक 100 में करीब 98 और तीसरा स्थान कनाडा का है, जहां प्रत्येक 100 में करीब 94 लोग कर देते हैं। इनके बाद नीदरलैंड्स और ऑस्ट्रेलिया का स्थान है। भारत इस सूची में काफी नीचे है।
 
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने इस बार की आर्थिक समीक्षा में देश के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्यों की जानकारी देते हुए यह अलग अध्याय जोड़ा है। इनमें एक तथ्य यह भी है कि भारत में करदाताओं की संख्या उसकी कुल जनसंख्या के लिहाज से बहुत कम है। (भाषा)


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महंगे कोयले से लगी 6,869 करोड़ की चपत