नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच पीएम मोदी ने NSA, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ व तीनों सेना प्रमुखों से की मुलाकात की। पीएम मोदी के साथ बैठक से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात की थी। दूसरी ओर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन की सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का मंगलवार को आदेश दिया।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर भारत और चीन में जबरदस्त तनातनी का माहौल बना हुआ है। कोरोना से जूझ रहे दोनों देशों की 3,488 किमी लंबी सीमाओं में कई विवाद चलते रहे हैं।
दुनिया भर के विशेषज्ञों की निगाह इस मामले पर टिक गई है कि कोरोना काल में LAC पर दोनों देशों की सेनाओं की बढ़ती हलचल और पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की सक्रियता के मायने क्या है।
लद्दाख में सैन्य सूत्रों के अनुसार इस समय पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रक रेखा के कई इलाकों में तो भारतीय सेना के जवान एलएसी पर चीनी सैनिकों के ठीक सामने महज 350 मीटर की दूरी पर मोर्चा संभाले हुए हैं।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे। साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे।
इस मामले पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि गलवान घाटी चीन का इलाका है और भारत जानबूझकर वहां विवाद पैदा कर रहा है। भारत गलवान घाटी में चीन के इलाके में अवैध तरीके से सैन्य ढांचे का निर्माण कर रहा है। इस कारण चीन की सेना के पास इसका जवाब देने के अलावा कोई चारा नहीं है।
दोनों देशों की सेनाएं पैगोंग शो झील, गलवान घाटी और देमचौक में अपनी-अपनी स्थिति पर कायम हैं। हाल ही में चीन ने इस क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 5 हजार अतिरिक्त सैनिकों को भेजा है। चीनी सैनिकों की बढ़ती संख्या देख भारतीय सेना भी सतर्क है।
भारतीय थलसेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने खुद इस इलाके का दौरा कर चुके हैं और उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी पूर्वी लद्दाख के हालात पर पैनी नजर रख रहे हैं।