विश्व स्वाथ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) के मुताबिक, भारत उन चार देशों में शामिल है जिनमें मलेरिया के वायरस ‘प्लास्मोडियम विवैक्स’ के कारण करीब 81% मौतें होती हैं। WHO ने कहा कि भारत में 18 करोड़ से अधिक लोग मलेरिया के बड़े जोखिम में हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की ‘वर्ल्ड मलेरिया रिपोर्ट 2016’ में कहा गया कि मलेरिया की रोकथाम के लिए की जाने वाली फंडिंग एक बड़ी चुनौती है. इसमें कहा गया कि साल 2000 और 2010 के बीच मलेरिया से लड़ने के लिए ग्लोबल इंवेस्ट्मेंट में तेजी से बढोत्तरी हुई, लेकिन उसके बाद फंडिंग में बढ़ोत्तरी नहीं हुई।
रिपोर्ट मे कहा गया कि चार देशों, इथोपिया, भारत, इंडोनेशिया और पाकिस्तान से मलेरिया के करीब 78% मामले आते हैं। पिछले साल मलेरिया से कुल जितनी मौतें हुई इन चार देशों में उनमें से अनुमानित 81% मौतें हुई थीं। पिछले साल 18 करोड़ 35 लाख 47 हजार 74 लोग मलेरिया के बड़े जोखिम में थे।