Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लोकतंत्र सूचकांक में भारत फिसला, 2014 से 2020 तक 26 अंक की गिरावट

हमें फॉलो करें लोकतंत्र सूचकांक में भारत फिसला, 2014 से 2020 तक 26 अंक की गिरावट
, बुधवार, 3 फ़रवरी 2021 (19:45 IST)
नई दिल्ली। भारत ‘2020 लोकतंत्र सूचकांक’ की वैश्विक रैंकिंग में दो स्थान फिसलकर 53वें स्थान पर आ गया है। ‘द इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट’ (ईआईयू) ने कहा कि प्राधिकारियों के ‘लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछा हटने’ और नागरिकों की स्वतंत्रता पर ‘कार्रवाई’ के कारण देश 2019 की तुलना में 2020 में दो स्थान फिसल गया। हालांकि भारत इस सूची में अपने अधिकतर पड़ोसी देशी से ऊपर है।
 
भारत को 2019 में 6.9 अंक मिले थे, जो घटकर 6.61 अंक रह गए हैं और यह विश्वभर के 167 देशों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति की झलक दिखाता है।
 
ईआईयू ने कहा कि मौजूदा शासन में ‘लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछे हटने के परिणामस्वरूप, भारत को 6.61 अंक मिले और उसकी वैश्विक रैंकिंग (2014 में) 27वें से गिरकर 53वीं हो गई है। भारत को 2014 में 7.92 अंक मिले थे, जो उसे अभी तक मिले सर्वाधिक अंक हैं।
 
‘डेमोक्रेसी इन सिकनेस एंड इन हेल्थ?’ शीर्षक वाले ईआईयू के ताजा लोकतंत्र सूचकांक में नॉर्वे को शीर्ष स्थान मिला। इस सूची में आइसलैंड, स्वीडन, न्यूजीलैंड और कनाडा शीर्ष पांच देशों में शामिल रहे।
 
लोकतंत्र सूचकांक में 167 देशों में से 23 देशों को पूर्ण लोकतंत्र, 52 देशों को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र, 35 देशों को मिश्रित शासन और 57 देशों को सत्तावादी शासन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। भारत को अमेरिका, फ्रांस, बेल्जियम और ब्राजील के साथ ‘त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
 
ईआईयू की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत और थाईलैंड की रैंकिंग में ‘प्राधिकारियों के लोकतांत्रिक मूल्यों से पीछे हटने और नागरिकों के अधिकारों पर कार्रवाई के कारण और गिरावट आई’।
 
उसने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘भारतीय नागरिकता की अवधारणा में धार्मिक तत्व को शामिल किया है और इसे कई आलोचक भारत के धर्मनिरपेक्ष आधार को कमजोर करने वाले कदम के तौर देखते हैं’।
 
रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोनावायरस वैश्विक महामारी से प्राधिकारियों से निपटने के तरीके के कारण 2020 में नागरिक अधिकारों का और दमन हुआ। भारत 2019 लोकतंत्र सूचकांक में 51वें स्थान पर रहा था।
 
भारत के पड़ोसियों में से श्रीलंका 68वें, बांग्लादेश 76वें, भूटान 84वें और पाकिस्तान 105वें स्थान पर रहा। श्रीलंका को त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र की श्रेणी में रखा गया है, जबकि बांग्लादेश, भूटान और पाकिस्तान ‘मिश्रित शासन’ के वर्ग में है। अफगानिस्तान 139वें स्थान पर है और उसे ‘सत्तावादी शासन’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है।
webdunia
ईआईयू ने एक बयान में कहा कि एशिया और ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र के देश न्यूजीलैंड का चौथा स्थान बरकरार है, लेकिन इस क्षेत्र का देश उत्तर कोरिया अंतिम 167वें स्थान पर बरकरार है। जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान 2019 की तुलना में सूची में ऊपर आ गए हैं। ऑस्ट्रेलिया का भी ‘पूर्ण लोकतंत्र’ का दर्जा बरकरार है। ऑस्ट्रेलिया नौवें स्थान पर है।
 
ईआईयू ने कहा कि इसके बावजूद एशिया के औसत क्षेत्रीय अंक में 2013 के बाद से सर्वाधिक गिरावट आई है। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर में लोगों की स्वतंत्रता पर लगाए गए कड़े प्रतिबंध हैं।
 
ईआईयू की वार्षिक लोकतंत्र सूचकांक रिपोर्ट की संपादक जोआन होए ने कहा कि एशिया के तीन नए देशों का 2020 में ‘पूर्व लोकतंत्र’ देशों की श्रेणी में आना और पश्चिमी यूरोप के दो देशों (फ्रांस और पुर्तगाल) का इससे बाहर होना, इस बात को दर्शाता है कि कोरोना वायरस ने ताकत के वैश्विक संतुलन के पश्चिम से पूर्व की ओर बदलने की गति तेज कर दी है। उन्होंने कहा कि एशियाई देशों ने यूरोपीय देशों की तुलना में कोरोना वायरस महामारी का अब तक बेहतर तरीके से मुकाबला किया है।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सरकार ने की GST की कमी की भरपाई, राज्यों को जारी किए 6 हजार करोड़ रुपए