भारत ने गुरुवार को 54,000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के सैन्य साजो सामान की खरीद को मंजूरी दी। इसमें हवाई हमला चेतावनी और नियंत्रण विमान प्रणाली, टॉरपीडो और टी-90 टैंकों के लिए इंजन शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एक महत्वपूर्ण कदम के तहत रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने पूंजी अधिग्रहण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में समय सीमा को कम करने के लिए दिशानिर्देशों को भी मंजूरी दी है, ताकि इसे अधिक तेज, अधिक प्रभावी और कुशल बनाया जा सके।
अधिक प्रभावी खरीद प्रक्रिया संबंधी निर्णय 2025 को सुधार वर्ष के रूप में मनाने की रक्षा मंत्रालय की पहल के अनुरूप है। मंत्रालय ने बताया कि खरीद प्रस्तावों को मंजूरी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की हुई बैठक में दी गई।
मंत्रालय के मुताबिक डीएसी ने 54,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि के आठ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को प्रारंभिक मंजूरी प्रदान की। मंत्रालय के मुताबिक भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के लिए एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्लूएंडसी) एयरक्राफ्ट सिस्टम की खरीद पर डीएसी ने अपनी मुहर लगा दी है।
एईडब्लूएंडसी प्रणालियां वायुसेना की क्षमता में विस्तार करेंगी। यह युद्ध के सम्पूर्ण परिदृश्य को बदल सकती हैं तथा विभिन्न हथियार प्रणालियों की युद्ध क्षमता को तेजी से बढ़ा सकती हैं। मंत्रालय ने कहा कि डीएसी ने टी-90 युद्धक टैंकों को उन्नत करने के लिए 1,350 एचपी इंजन खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
बयान के मुताबिक इससे इन टैंक की युद्धक्षेत्र गतिशीलता बढ़ेगी, विशेष रूप से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में, क्योंकि इससे शक्ति-भार अनुपात में वृद्धि होगी। मंत्रालय ने कहा, कि भारतीय सेना के लिए, टी-90 टैंकों के लिए वर्तमान 1,000 एचपी इंजन को उन्नत करने के वास्ते 1,350 एचपी इंजन की खरीद हेतु प्रारंभिक मंजूरी दी गई।
बयान के मुताबिक डीएसी ने भारतीय नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो की खरीद के एक अन्य प्रस्ताव पर भी अपनी मुहर लगा दी है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो (लड़ाकू) की खरीद के लिए प्रारंभिक मंजूरी डीएसी द्वारा दी गई है। वरुणास्त्र टॉरपीडो नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा विकसित एक स्वदेशी जहाज से प्रक्षेपित पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो है।
सैन्य और सौम्य शक्ति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत “बहुध्रुवीय दुनिया” में व्याप्त अनिश्चितताओं के बीच अपनी सैन्य शक्ति और सौम्य शक्ति के बीच संतुलन बनाए रख रहा है।
राजनाथ ने मेजर बॉब खाथिंग की याद में नयी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने अपनी वैश्विक स्थिति मजबूत की है।
रक्षा मंत्री ने मेजर खाथिंग को “भारत का महान सपूत” करार दिया, जिन्होंने युद्ध के मैदान में अपनी बहादुरी और कूटनीतिक कौशल के जरिये देश के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी। राजनाथ ने कहा कि ऐसी महान हस्तियों के आदर्शों और सिद्धांतों को अपनाना लोगों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, “आज भारत बहुध्रुवीय दुनिया में व्याप्त अनिश्चितताओं के बीच अपनी सैन्य शक्ति और सौम्य शक्ति के बीच संतुलन बनाए हुए है। यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। दुनिया के सामने एक नया, सशक्त और संगठित भारत उभरा है। एक दौर था, जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, लेकिन आज जब हम बोलते हैं, तो दुनिया सुनती है। यह मेजर खाथिंग के आदर्शों का नतीजा है।”
राजनाथ ने याद किया कि उन्होंने पिछले साल अरुणाचल प्रदेश के तवांग में मेजर रालेंगनाओ बॉब खाथिंग वीरता संग्रहालय का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया था।
उन्होंने रेखांकित किया कि सरकार की विदेश नीति भी मेजर खाथिंग जैसी हस्तियों के कूटनीतिक कौशल से आकार लेती है। राजनाथ ने लोगों से राष्ट्र को हमेशा सर्वोपरि रखने, एकजुट रहने, ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निडरता से आगे बढ़ने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि ये सब मेजर खाथिंग के मूल सिद्धांत थे, जो एक असाधारण व्यक्ति थे, जिन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा में अमूल्य योगदान दिया था। राजनाथ ने मेजर खाथिंग को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत का सौभाग्य है कि वह ऐसी दिग्गज हस्तियों का देश है, जिनके लिए राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता सर्वोपरि है।
भारतीय सेना, असम राइफल्स और थिंकटैंक यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टिट्यूशन ऑफ इंडिया (यूएसआई) की ओर से दिल्ली छावनी में संयुक्त रूप से आयोजित मेजर बॉब खाथिंग स्मारक समारोह के पांचवें संस्करण में उनके जीवन और विरासत का जश्न मनाया गया।
समारोह में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सांसद अल्फ्रेड कन्नगम आर्थर, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेरा और यूएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) बीके शर्मा भी मौजूद थे।
रक्षा मंत्री ने न केवल तवांग, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के एकीकरण, विकास और पुनर्निर्माण में मेजर खाथिंग की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “मेजर बॉब खाथिंग ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में अहम योगदान दिया। पूर्वोत्तर के लिए उन्होंने जो काम किया, वह सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किए गए कार्यों के समान है। भाषा Edited by : Sudhir Sharma