भारतीय सेना बड़े बदलाब करने की तैयारी में है। सेना चार से पांच सालों में डेढ़ लाख नौकरियां ख़त्म करने पर विचार कर रही है। इससे बचने वाले 5 से 7 हजार करोड़ रुपए से हथियार खरीदे जाएंगे। खर्च घटाने और नए एडवांस हथियार, उपकरणों की खरीद के लिए पैसा जुटाने के मकसद से यह कदम उठाया जाएगा।
वर्तमान में आर्मी के कुल 1.2 लाख करोड़ के बजट में से 83 फीसदी उसके राजस्व व्यय और वेतन सहित कई अन्य मद में खर्च हो जाता है। इसमें सेना से रिटायर्ड लोगों का पेंशन शामिल नहीं है। सेना को मिलने वाले बजट का सिर्फ 17 प्रतिशत यानी 26,826 करोड़ रुपए पूंजीगत खर्चों के लिए जाता है। यह वो राजस्व है जिसे लेकर सेना पूरी तरह खुश नहीं है।
आने वाले समय में नौकरी में कटौती के बाद इससे बचने वाले 5 से 7 हज़ार करोड़ रुपए से हथियार खरीदे जाएंगे। इससे सेना के पास 31,826 से 33,826 करोड़ रुपए तक हो जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने अनुसार, सेना का शीर्ष नेतृत्व कैडर समीक्षा तथा दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना को 'हल्का और सार्थक' बनाने के लिए जरूरी कदमों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगा। फिलहाल सेना में करीब 13 लाख सैन्यकर्मी हैं।
सेना बलों में कटौती क्षेत्र के हर विभाग से की जाएगी। इनमें आर्मी मुख्यालय, लॉजिस्टिक यूनिट्स, कम्यूनिकेशन विभाग, रिपेयर फैसिलिटीज और अन्य प्रशासनिक विभाग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल की अगुआई में इस पर अध्ययन करने के लिए 25 लोगों की टीम बनी है। जो ये देख रहे हैं कि कुछ निदेशालयों को मिलाकर एक निदेशालय बनाया जा सकता है।