नई दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6% रहने के अनुमान को बरकरार रखते हुए बुधवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से पैदा हुए व्यावधान से उबरने लगी है।
रेटिंग एजेंसी ने वर्ष 2019 में भारत की वृद्धि 7.5% रहने का अनुमान लगाया है। मूडीज का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं, जो वर्ष 2016 में नोटबंदी के निर्णय से नकारात्मक तौर पर प्रभावित हुई थी और पिछले साल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू किए जाने से उसकी वृद्धि में बाधा आई थी।
इसके अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रस्तावित बजट में कुछ कदम उठाए गए हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थिरता दे सकते हैं। नोटबंदी से सबसे ज्यादा यही क्षेत्र प्रभावित हुआ था जिसका अभी भी उबरना बाकी है। मूडीज ने वर्ष 2018 और 2019 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर का अनुमान पूर्ववत रखा है। यह क्रमश: 7.6% और 7.5% रह सकती है।
मूडीज ने कहा कि प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में हमने भारत और इंडोनेशिया के लिए अपने वृद्धि अनुमान को अपरिवर्तित रखा है। उल्लेखनीय है कि मूडीज ने कुछ समय पूर्व 13 साल में पहली बार भारत की ऋण साख रेटिंग में वृद्धि की थी।
इसकी प्रमुख वजह उसने आर्थिक और सांस्थानिक सुधार होना बताया था। मूडीज ने कहा कि जैसा हमने पहले कहा था कि बैंकों में फिर से पूंजी डालने की योजना से एक समय के बाद ऋणवृद्धि में मदद मिलेगी और यह आर्थिक वृद्धि को सहारा देगा। (भाषा)