अहमदाबाद, अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भारत की गर्मी को उन महिलाओं के लिए भयावह बताया है जो अलग अलग तरह के मजदूरी के काम करती हैं। क्लिंटन रविवार को दो दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचीं। अहमदाबाद में हिलेरी ने 'सेल्फ इम्पावर्ड वुमेन एसोसिएशन' (एसईडब्ल्यूए) के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने एसईडब्ल्यूए की संस्थापक सामाजिक कार्यकर्ता एवं गांधीवादी इला भट्ट को श्रद्धांजलि दी।
हिलेरी ने जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली गर्मी अनौपचारिक क्षेत्रों में महिला मजदूरों के लिए एक अतिरिक्त चुनौती बताया है। उन्होंने कहा कि गर्मी उन महिलाओं के जीवन को प्रभावित करती है जो मजदूरी का काम करती हैं। एक वैश्विक 'क्लाइमेट रेसिलिएंस फंड' इस चुनौती से निपटने में मदद करेगा।
क्लिंटन ने कहा कि इस बारे में चिंता कर रहे लोगों का एक समूह क्लाइमेट रेसिलिएंस फंड शुरू करने में मदद करने के लिए साथ आया है। यह दुनिया में अपनी तरह का पहला फंड होगा। क्लिंटन ने कहा कि उन्होंने एसईडब्ल्यूए की निदेशक रीमाबेन नानावती से बात की है कि गर्मी नई चुनौती है क्योंकि यह महिला ट्रेड यूनियन के सदस्यों के हर काम को प्रभावित करेगी।
उन्होंने कहा कि फिर चाहे आप निर्माण क्षेत्र में कार्यरत हों या फिर कचरा रिसाइकिल, फेरीवाले, फुटपाथ पर सामान बेचने वाले, किसान या फिर प्लास्टिक के क्षेत्र में महिलाओं पर पर्यावरण में आ रहे बदलावों से गर्म होते मौसम का असर पड़ा है। इससे महिला कामगारों की आय भी प्रभावित हुई है।
edited by navin rangiyal